‘क्वीन ऑफ डांडिया’ फाल्गुनी पाठक ने 9 साल की उम्र में दी थी पहली स्टेज परफॉर्मेंस

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Falguni-Pathak-Biography

90 के दशक की प्रसिद्ध भारतीय पॉप गायिका, परफॉर्मेंस आर्टिस्ट और संगीतकार फाल्गुनी पाठक 12 मार्च को अपना 59वां जन्मदिन मना रही हैं। उनका वर्ष 1964 को गुजरात के वडोदरा हुआ था। हालांकि, वह लंबे समय से मुंबई रह रही है। फाल्गुनी ने अपने सिंगिंग कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1997 में की और उन्होंने जल्द पूरे भारत में जबरदस्त फैन फॉलोविंग हासिल की। उन्हें ‘क्वीन ऑफ डांडिया’ कहा जाता है। ऐसे में इस खास मौके पर जानते हैं उनके जीवन के बारे में कुछ दिलचस्प बातें…

Singer-Falguni-Pathak

छोटे से कॅरियर में कई हिट गाने दिए

अपनी सुरीली आवाज और दमदार गानों के लिए फाल्गुनी पाठक को ‘भारतीय मैडोना’ भी कहा जाता है। उनके कुछ लोकप्रिय गीत ‘चुड़ी जो खनकी हाथों में’, ‘मैने पायल है छनकाई’, ‘मेरी चुनर उड़ उड़ जाए’, ‘आयी परदेश से परियों की रानी’ और ‘सावन में मोरनी बनके नाचू’ आदि शामिल हैं। ‘याद पिया की आने लगी भीगी-भीगी रातों में’ के जरिए फाल्गुनी रातों-रात स्टार सिंगर बन गईं। फाल्गुनी को बचपन से ही गाने का शौक था। बड़ी बहन ने संगीत की विधिवत तालीम ली थी। साथ में वह भी शौकिया गाती गुनगुनाती थीं।

फाल्गुनी पाठक ने 9 साल की उम्र में पहली बार स्टेज शो में हिस्सा लिया था। एक आर्केस्ट्रा में उन्होंने फिल्म ‘कुर्बानी’ का बड़ा सुपरहिट गाना ‘लैला ओ लैला’ गाया। अगले ही साल उन्हें एक गुजराती फिल्म में भी गाने का मौका मिला। बड़ी बात ये है कि वो गाना उन्होंने मशहूर प्लेबैक सिंगर अलका याज्ञनिक के साथ गाया था। इसके बाद फाल्गुनी का आर्केस्ट्रा में गायकी का सिलसिला चल निकला।

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जब डांडिया कार्यक्रम को लेकर विवादों में फंसी

यह जानकर हैरानी होगी मगर अपने कॅरियर में कूल दिखने वाली फाल्गुनी को गुजरात में आयोजित हुए एक डांडिया कार्यक्रम में विवादों का सामना करना पड़ा था। दरअसल, साल 2010 में गुजरात के अंकलेश्वर में एक नवरात्रि उत्सव का आयोजन किया गया। उत्सव के दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने फाल्गुनी पाठक और अभिनेत्री शेफाली जरीवाला पर अपने प्रदर्शन के दौरान दोहरे अर्थ वाले शब्दों का इस्तेमाल करने और मंच पर अश्लील इशारे करने का आरोप लगाया था।

इसमें एक संगठन के सदस्यों ने भरूच के जिला कलेक्टर को 50 से अधिक लोगों के हस्ताक्षरित एक ज्ञापन सौंपा जो पाठक, जरीवाला और गरबा आयोजकों के खिलाफ था। शिकायतकर्ताओं में से एक भावेश पटेल के अनुसार, ‘हमें ऐसे कलाकारों की टिप्पणियों और व्यवहार के बारे में शिकायतें मिली हैं जो अश्लील थे और ऐसे धार्मिक महत्व के अवसर के लिए उपयुक्त नहीं थे। हमने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है और अंकलेश्वर के ग्रामीण पुलिस स्टेशन में शिकायत भेजी है। हमने कार्यक्रम की एक रिकॉर्ड की गई सीडी भी जमा की है।’

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