वैसे तो अब क्रिप्टो करेंसी कोई नया नाम नहीं रह गया है। अब इस करेंसी का कई देशों में इस्तेमाल किया जाने लगा है। हालांकि इसका उपयोग ऑनलाइन मामले में किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी को लेकर दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक भी इन दिनों सुर्खियों में बनी हई हैं। पिछले कुछ समय से डेटा लीक के आरोपों का सामना कर रही फेसबुक जल्द ही यह करेंसी ला सकती है। मीडिया ख़बरों की माने तो फेसबुक अपनी क्रिप्टो करेंसी शुरू करेगा। इससे यूजर फेसबुक की व्हाट्सअप, मैसेंजर और इंस्टाग्राम जैसी सर्विस के जरिए एक-दूसरे को पैसे भेज सकेंगे। इसके अलावा फेसबुक जल्द ही ब्लॉकचेन आधारित यूजर ऑथेंटिकेशन फीचर शामिल करने पर विचार कर रहा है।
यूं समझे क्या होती है क्रिप्टो करेंसी
यह एक डिजिटल करेंसी हैं जो कंप्यूटर एल्गोरिदम पर आधारित होती है। इसे इंडिपेंडेंट करेंसी माना जाता है, क्योंकि इसका कोई मालिक नहीं होता है। इसकी सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि करेंसी किसी भी ऑथोरिटी के अधीन नहीं होती है। इसका संचालन किसी देश, राज्य या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। क्रिप्टो करेंसी अपनी पहचान वर्चुअल करेंसी, डिजिटल करेंसी, पीपुल्स करेंसी, ई-करेंसी और इंटरनेट करेंसी के रूप में भी रखती हैं। गौरतलब है कि सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन है। बिटकॉइन को 2009 में जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर डेवलप किया था। हाल के वर्षों में इस करेंसी के प्रति लोगों का क्रेज बढ़ा है।
इटली के फेसबुक यूजर्स को मिला ‘पे विद फेसबुक’ ऑप्शन
ख़बरों के अनुसार, हाल ही इटली के कुछ एंड्रायड और आईओएस डिवाइस वाले फेसबुक यूजर्स को फेसबुक इस्तेमाल करते समय नया ‘पे विद फेसबुक’ ऑप्शन देखने को मिला। इटली के फेसबुक यूजर्स जिन्होंने अपनी स्थानीय भाषा के रूप में इटालियन का चुनाव कर रखा था, उन्होंने बताया कि उन्हें एप्लीकेशन इस्तेमाल करते समय पे विद फेसबुक अकाउंट सेटअप करने का ऑप्शन मिला है। यूजर्स का कहना है कि फेसबुक पर ऐसा पहली बार हुआ है।
पहली क्रिप्टो करेंसी के रूप में बिटकॉइन है ऑप्शन
फेसबुक यूजर्स द्वारा शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में साफ देखा जा सकता है कि सबसे टॉप पर बिटकॉइन का ऑप्शन दिखाई दे रहा है। इसके अलावा नीचे अन्य पेमेंट मोड के छोटे-छोटे ऑप्शन भी दिख रहे हैं। गौरतलब है कि फेसबुक पहले से ही मैसेंजर एप में पेमेंट फीचर का इस्तेमाल कर रहा है। इसके जरिए यूजर अन्य देशों के यूजर्स को पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन नया पे विद फेसबुक फीचर पहले के फीचर से काफी अलग है। ऐसा माना जा रहा है कि फेसबुक अपनी क्रिप्टो करेंसी को ‘फेसबुक कॉइन’ नाम दे सकता है। इसका इस्तेमाल पे विद फेसबुक फीचर से किया जाएगा। चाइनीज एप वीचैट के पेमेंट ऑप्शन से इंस्पायर्ड फेसबुक के इस नए डिजिटल करेंसी के फीचर को फेसबुक अपनी एप्स और सर्विस में भी उपलब्ध कराएगा।
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मीडिया ख़बरों के मुताबिक़, फेसबुक क्रिप्टो करेंसी जैसे नए पेमेंट सिस्टम को अपने अगले मुख्य आय के स्तोत्र के रूप में देख रही है। उल्लेखनीय है कि फेसबुक कंपनी पहले से ही अपने सारे बड़े प्लेटफार्म को एक सिंगल पेमेंट सिस्टम से जोड़ने को लेकर प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इसके पीछे का मकसद यह है कि यूजर्स ज्यादा से ज्यादा समय तक फेसबुक के इन प्लेटफार्म पर व्यस्त रहे। अगर नियमों की बात करें तो क्रिप्टो करेंसी को अभी तक भी ग्रे एरिया के रूप में देखा जाता है। इसे कई देश अपनाने चाहते हैं तो कई देश इसके विरोध में हैं।