फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाकर खुद की पहचान छुपाने वाले करोड़ों लोगों के लिए उसकी ओर से बुरी ख़बर आई है। दरअसल, सोशल मीडिया की सबसे बड़ी कंपनी फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म से 2 अरब से ज्यादा फर्जी अकाउंट्स डिलीट कर दिए हैं। फेसबुक ने कड़ा निर्णय लेते हुए 3 महीने के भीतर यह कर दिखाया। ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं, लेकिन हालिया रिपोर्ट्स से यह बात साबित होती है। इसके लिए फेसबुक को काफी मशक्कत करनी पड़ी। आइये जानते हैं क्या कहती है रिपोर्ट..
2018 के पहले तीन महीने के मुकाबले तीन गुना अकाउंट डिलीट
फेसबुक ने फर्जी अकाउंट को प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए साल के पहले तीन महीने में 2.2 अरब फर्जी अकाउंट्स को डिलीट किया है। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले डिलीट किए गए फर्जी अकाउंट्स की संख्या तीन गुना से ज्यादा है। वहीं, इन दो अवधि के बीच मासिक सक्रिय यूजर बेस आठ फीसदी बढ़ा है। जानकारी के लिए बता दें कि फेसबुक ने साल 2018 के पहले तीन महीने में 58.3 करोड़ फर्जी अकाउंट्स डिलीट किए थे, जो कि 2019 के पहले तीन महीने में बढ़कर 2.2 अरब हो गए। फेसबुक का कहना है कि ज्यादा फर्जी अकाउंट्स को रजिस्ट्रेशन के कुछ मिनटों के भीतर पकड़ लिया गया। 2018 में कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल सामने आने के बाद फेसबुक की साख को बड़ा झटका लगा था। गौरतलब है कि इस स्कैंडल में 5 करोड़ लोगों के लॉगिन में सेंधमारी की गई थी।
फेसबुक पर करीब 12 करोड़ फेक अकाउंट्स अभी बाकी
जानकारी के अनुसार फेसबुक पर अब भी 11.9 करोड़ फर्जी अकाउंट्स बचे हुए हैं। फेसबुक का आकलन है कि ऐसे अकाउंट्स की संख्या उसके वर्ल्ड वाइड मंथली एक्टिव यूजर्स का करीब 5 फीसदी है। हालिया आकंड़ों के मुताबिक, दुनिया भर में फेसबुक के मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 2.38 अरब पहुंच गई है। पिछले साल की पहली तिमाही में फेसबुक के मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 2.1 अरब थी।
ट्विटर बॉट्स से हो रही है मुश्किलें
प्यू रिसर्च सेंटर की तरफ से ट्विटर बॉट्स को लेकर की गई स्टडी के के अनुसार ऐसे अकाउंट्स की प्रमुख साइट्स में लिंक शेयर करने में बड़ी भूमिका होती है। बॉट्स की तरफ से पॉप्युलर साइट्स पर ट्वीटेड लिंक की हिस्सेदारी की बात करें तो इनका टोटल शेयर 66 फीसदी है। प्यू ने अपनी स्टडी में 2,315 पॉप्युलर वेबसाइट्स और इंग्लिश लैंग्वेज यूजर्स की तरफ से किए गए 12 लाख ट्वीट का विश्लेषण किया। टेक्नॉलजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी गूगल लगातार बैड ऐड का सामना कर रही है। गूगल ने 2018 में अपनी पॉलिसीज का उल्लंघन करने के कारण 2.3 अरब बैड ऐड को हटाया। हटाए गए विज्ञापनों में 2,07,000 टिकट रिसेलर्स के ऐड थे।
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वहीं, 5,31,000 बेल बॉन्ड्स के ऐड हटाए गए। इसके अलावा, 5.88 करोड़ फिशिंग ऐड को गूगल ने हटाया। इसके अलावा, गूगल ने करीब 10 लाख बैड ऐडवर्टाइजर अकाउंट्स की पहचान की और उन्हें हटाने का काम किया है। 2017 में हटाए गए अकाउंट्स के मुकाबले यह संख्या दोगुनी से अधिक है।