दुनिया में समुद्र किनारे बसे सुंदर शहरों में बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के कारण धीरे—धीरे पानी उन्हें अपने आगोश में समाना चाहता है। ऐसे ही शहरों में शुमार है इटली का वेनिस शहर। यहां कुछ इलाकों में मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों में एक मंजिल तक डूब गई है। कई पीढ़ियों से यहां निवास करने वाले लोगों के सामने उनका प्यारा घर ही नहीं, प्यारा शहर भी जलमग्न होने की ओर है।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक पृथ्वी पर हो रहे छोटे—छोटे बदलावों पर मॉडर्न सैटलाइट्स की मदद से नजर रख रहे हैं। उन्होंने इसकी सहायता से इटली के शहर वेनिस को लेकर करीब तीन-चार साल पहले ही इस संकट से अवगत करा दिया था। उन्होंने कहा कि हर साल यह शहर कुदरती रूप से ही 0.8 से लेकर 1 मिलीमीटर तक डूब रहा है। जिसके लिए वैज्ञानिकों ने प्रकृति को जिम्मेदार न मानकर बल्कि इंसानी गतिविधियों को भी जिम्मेदार बताया। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस मौसम परिवर्तन से वेनिस के डूबने का खतरा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। साथ ही हर साल यहां के लोगों के सामने बाढ़ और तबाही का खतरा भी होता है।
इंडिपिडेंट समाचार पत्र में वर्ष 2017 में छपी ग्लोबल वार्मिंग रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई थी कि अगर यूरोपीय देशों में ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए कार्य नहीं किया गया तो एक सदी के भीतर वेनिस शहर पानी में समा जाएगा। इसके पीछे की वजह में भूमध्य सागर का जलस्तर का बढ़ना है, जो 2100 से पहले 140 सेमी तक बढ़ने का अनुमान है। इस तरह यह ऐतिहासिक शहर एक दिन जल में समाहित हो जाएगा।
आज के समय में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन दिनों दिन बढ़ रहा है जिसके कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं और समुद्र के जल स्तर में वृद्धि हो रही है। जिसके कारण उत्तर एड्रियाटिक और इटली के पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों में 176 मील लंबे समुद्र तट को निगलने की भविष्यवाणी की गई है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन सेडिमेंट्स पर यह शहर बना है, उनके घिसाव के कारण भी ऐसा होने की भी संभावना है। सिर्फ यही नहीं इसके साथ इंसान की ओर से किए जा रहे बिल्डिंग रेस्टोरेशन के काम का भी नेगेटिव असर पड़ रहा है।
हाल में वर्ष 2019 में वेनिस के हालात काफी बिगड़ चुके हैं। इस पर सैटेलाइट से लगातार नजर रखी जा रही है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इटली के एक शीर्ष हेरिटेज ग्रुप इटालिया नोस्त्रा (हमारी इटली) ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वह वेनिस शहर को ऐसे शहरों की सूची में डाल दे, जिन पर खत्म होने का खतरा है।
रिपोर्ट में बड़े-बड़े जहाजों को भी इस मुसीबत के लिए जिम्मेदार बताया गया है। ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये बड़े-बड़े जहाज शहर की इमारतों की बुनियाद तक को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इस प्रकार बढ़ता ग्लोबल वार्मिंग से यह खूबसूरत शहर जलमग्न होने के कगार पर है। समय रहते नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब समुद्र तट पर बसे दुनिया के कई शहरों का भी हाल ऐसा होने वाला है।