चुनाव आयोग है तैयार ताकि लोग बेहतर तरीके से मना सकें लोकतंत्र का त्योहार

Views : 5432  |  0 minutes read

चुनावी माहौल इन दिनों सभी जगह नज़र आने लगा है। हर पार्टी अपनी तरफ से मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रही है। चुनावी माहौल में चुनाव आयोग ने भी इस बार कुछ नए नियम बनाए हैं ताकि मतदाताओं को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। साथ ही मतदाता ज्यादा से ज्यादा मतदान के इस त्योहार में हिस्सा ले सकें।

1. चुनाव आयोग पहली बार वोटिंग मशीन में उम्मीदवारों के चुनाव चिन्ह के साथ उनकी फोटो का भी प्रयोग कर रहा है। इसकी असल वजह अनपढ़ मतदाताओं को सुविधा देना है। दरअसल देश में करीब तीस करोड़ मतदाता निरक्षर हैं, ऐसे में फोटो देखकर वोट डाल सकते हैं।

2. चुनाव में किसी तरह की धांधली की आशंका और वोटिंग मशीनों की सुरक्षा को देखते हुए चुनाव आयोग ने फैसला लिया है कि इस बार वोटिंग मशीन ले जाने वाले सभी वाहनों को जीपीएस से लैस किया जाएगा।

3. पहली बार होगा कि प्रत्याशी खुद को जिताने की अपील के साथ ही खुद पर लगे आरोपों को भी लोगों के सामने लाएंगे। चुनाव आयोग के अनुसार 186 सांसदों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें से 112 सांसदों पर हत्या और बलात्कार जैसे आरोप लगे हैं। ऐसे प्रत्याशियों को अब अपने लोकसभा क्षेत्र में खुद पर लगे आरोपों का प्रचार करने के लिए कम से कम तीन समाचार पत्र या टेलीविजन पर विज्ञापन देना होगा।

4. इस बार मतदाता को वोट डालने के बाद एक पर्ची भी दी जाएगी। इससे मतदाता को पता चलेगा कि उसका वोट पड़ा है या नहीं। इसके जरिए आयोग EVM गड़बड़ी की संभावना दूर हो जाएगी।

5. प्रत्याशियों को अपने पिछले पांच साल का आयकर रिटर्न सार्वजनिक करना अनिवार्य है। साथ ही प्रत्याशियों को विदेश में अपनी व रिश्तेदारों की संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा भी अनिवार्य रूप से देना होगा।

6. वेब कैम के जरिए 5 हजार संवेदनशील मतदान केंद्रों और मतगणना स्थलों पर नजर रखने का निर्णय लिया है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इनकी लाइव स्ट्रीमिंग होगी। आयोग आम लोगों की मदद से भी मतदान स्थलों पर नजर रखेगा। इसके लिए खास ऐप ‘Voter Helpline’ तैयार किया है। इस ऐप की मदद से लोग संबंधित फोटो या वीडियो सहित सीधे चुनाव आयोग से शिकायत कर सकते हैं। ऐप के जरिए मिलने वाली शिकायत पर 100 मिनट के अंदर निर्वाचन अधिकारी को कार्रवाई करनी होगी।

7. फेसबुक, ट्वीटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया ने भी पहली बार चुनाव में अपनी जिम्मेदारी निभाने की पहल की है। इनकी तरफ से अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर गलत खबरें या जानकारियों को रोकने का विशेष अभियान शुरू किया गया है।

8. मतदाताओं के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन 1950 भी शुरू की है। इसके जरिए वोटर, मतदान से जुड़ा अपना फीडबैक, शिकायत या अन्य जानकारी चुनाव आयोग को दे सकता है।

9. आयोग नामांकन के वक्त प्रत्याशियों से चुनावी दस्तावेजों के साथ उससे संबंधित सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी पूरी जानकारी लेगा।

10. पहली बार चुनाव आयोग प्रत्याशियों के सोशल मीडिया विज्ञापन पर भी नजर रखेगा। इसे भी प्रत्याशी अथवा राजनीतिक पार्टी के खर्च में शामिल किया जाएगा।

11. पहली बार होगा जब थर्ड जेंडर अपनी असली पहचान के साथ मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस बार 39,000 मतदाताओं ने खुद को थर्ड जेंडर के तौर पर मतदाता सूची में नामित कराया है।

12. प्रत्येक मतदान केंद्र में कम से कम एक बूथ केवल महिलाओं के लिए तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यहां चुनावकर्मी से लेकर सुरक्षाकर्मी तक सभी महिलाएं होंगी।

COMMENT