कोरोना वायरस ने एक तरफ जहां पूरी दुनिया में तबाही मचाई है और इसकी वजह से लाखों लोग संक्रमित व हजारों मौत हो चुकी हैं तो दूसरी तरफ विश्व में आर्थिक व्यवस्था की कमर तोड दी है। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने भी बडा बयान दिया है। जानिये इस बारे में-
‘1930 की महामंदी की तुलना में ज्यादा भयावह है इस साल की मंदी ‘
अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने बयान दिया है कि कोरोना वायरस की वजह से इस साल 2020 में आई आर्थिक मंदी 1930 की मंदी से ज्यादा भयावह होगी। कोरोना ने आर्थिक व सामाजिक स्थिति को इस तरह खराब दिया है कि इससे पहले कभी नहीं देखा गया। प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने यह भी कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए सैकड़ों अरब डॉलर की आवश्यकता होगी। हालांकि आईएमएफ प्रमुख का यह कहना है कि कोरोना से आए इस महा आर्थिक संकट से राहत 2021 में मिल सकती है। वहीं उनका यह चौंकाने वाला बयान तब आया है जब अगले सप्ताह आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की बैठक होने जा रही है।
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इधर आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कही ये बात
भारत में कोरोना संकट के बीच आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का भी बयान चर्चा में आया है। राजन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि कोई इस संकट से होने वाली आर्थिक मंदी से निपटने में उनसे मदद करने का आग्रह करता है तो वह इसके लिए तैयार हैं। राजन ने कहा कि कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में महामंदी की स्थिति आने वाली है हालांकि इस स्थिति पर नियंत्रण महामारी के बाद लिए जाने वाले निर्णयों के उपर भी निर्भर है। उन्होंने यह भी सलाह दी है कि लोगों को यह आश्वस्त कर विश्वास दिलाना चाहिए कि कोरोना संकट नियंत्रण में है।