पश्चिम बंगाल में 17 अप्रैल को पांचवे चरण के मतदान होने जा रहे हैं। हालांकि, इससे पहले चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बंगाल भाजपा के प्रमुख दिलीप घोष के प्रचार करने पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है। आयोग का यह प्रतिबंध 15 अप्रैल को शाम 7 बजे से लेकर 16 अप्रैल को शाम 7 बजे तक प्रभावी रहेगा। दिलीप घोष पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई की है। निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश में घोष को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्हें आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान सार्वजनिक टिप्पणी करते समय इस तरह के बयान देने से परहेज करने की सलाह दी।
13 अप्रैल को दिलीप घोष ने दिया था यह बयान
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने 13 अप्रैल को बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के एक भड़काऊ बयान को लेकर उन्हें नोटिस भेजा था। बयान में घोष ने कथित रूप से कहा था कि अगर कोई कानून हाथ में लेगा तो सीतलकूची जैसी घटना अनेक स्थानों पर फिर से हो सकती है। दिलीप घोष ने कहा था कि सीतलकूची में शैतान लड़कों को गोली लगी। अगर कोई भी अपने हाथ में कानून लेने की हरकत करता है तो उसके साथ भी ऐसा ही होगा। इसके बाद आयोग ने नोटिस जारी कर कहा था कि इस तरह के बयानों का कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। मालूम हो कूच बिहार जिले के सीतलकूची में दंगा भड़कने के बाद केंद्रीय बलों की गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे।
इससे पहले शायंतन बसु को भेजा था नोटिस
गौरतलब है कि इससे पहले चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी के नेता शायंतन बसु को नोटिस भेजते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा। आयोग के नोटिस में बसु पर भड़काऊ भाषण का आरोप लगाया गया। चुनाव आयोग ने कहा है कि बसु ने भाषण के द्वारा राज्य के लोगों को डराने और धमकाने की कोशिश की जो कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। आयोग ने बसु से इस मामले में 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा।
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