डीआरडीओ ने एमबीटी अर्जुन से लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल का किया सफल परीक्षण

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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) को एक बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, डीआरडीओ ने स्वदेशी लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है। संगठन ने अहमदनगर स्थित केके रेंज (एसीसी एंड एस) में एमबीटी अर्जुन टैंक से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए संगठन की टीम को बधाई दी है। राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘एमबीटी अर्जुन से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई। भारत को डीआरडीओ पर गर्व है, जो निकट भविष्य में आयात निर्भरता को कम करने की दिशा में काम कर रहा है।’

स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की ये हैं खूबियां

इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद डीआरडीओ ने बताया कि यह मिसाइल तीन किलोमीटर तक बैठे टागरेट को आसानी से अपना निशाना बना सकती है। ये कई सारे प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित की गई है। मौजूदा समय में एमबीटी अर्जुन की एक बंदूक से तकनीकी मूल्यांकन के परीक्षणों से गुजर रही है। इसके अलावा यह हीट (हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट) वारहेड के जरिए एक्सप्लोसिव रिऐक्टिव आर्मर (ERA) प्रोटेक्टेड व्हीकल्स को उड़ाती है। यह मिसाइल मॉडर्न टैंक्स से लेकर भविष्य के टैंक्स को भी नेस्तनाबूद करने में सक्षम होगी। वहीं इससे एटीजीएम के जरिए कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हेलिकॉप्टर्स को भी ढेर किया जा सकता है।

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संगठन ने एबीएचवाईएएस का भी सफल उड़ान परीक्षण किया

आपको जानकारी के लिए बता दें कि डीआरडीओ ने इसके अलावा एक स्वदेशी अभ्यास मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया है। संगठन ने मंगलवार को ओडिशा के एक परीक्षण केंद्र से एबीएचवाईएएस- हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (एचईएटी) का सफल उड़ान परीक्षण किया। डीआरडीओ ने अपने एक बयान में कहा कि परीक्षण के दौरान यान पांच किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है। यह पूरी तरह से ऑटोनॉमस फ्लाइट लेने में सक्षम है। इस यान की रफ्तार आवाज की रफ्तार से आधी है। इसमें 2जी क्षमता है और 30 मिनट तक ऑपरेट करने की क्षमता है।

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