भारत के लिए रक्षा उपकरण बनाने वाली रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी को ब्रिटेन की रॉयल एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ यूके ने मानद फेलोशिप से सम्मानित किया है। सतीश रेड्डी 100 वर्षों में यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय वैज्ञानिक हैं।
Defence Research & Development Organisation (DRDO) chairman G. Satheesh Reddy is the first Indian scientist to have been awarded the fellowship by Royal Aeronautical Society of United Kingdom in the last 100 years. https://t.co/q9rNDNEwJm
— ANI (@ANI) November 26, 2019
रॉयल एयरोनॉटिकल सोसायटी की ओर से सम्मानित सतीश रेड्डी को यह सम्मान भारत में स्वदेशी डिजाइन, विविधीकृत मिसाइल और सामरिक प्रणालियों की तैनाती, एयरोस्पेस वाहनों, निर्देशित आयुध और एविओनिक्स प्रौद्योगिकियों की डिजाइन, विकास और तैनाती में योगदान के लिए दिया गया है।
वर्ष 2015 में बने भारत के रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार
बता दें कि डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी मई, 2015 से भारत के रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त हैं। साथ ही वह रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग, भारत सरकार और महानिदेशक, वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) हैं।
सतीश ने जवाहरलाल नेहरू तकनीक यूनिवर्सिटी, अनंतपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और जेएनटीयू, हैदराबाद से एम.एस. एवं पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। वह वर्ष 1986 में रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद से जुड़ गए। वह अपनी प्रतिभा के दम पर युवा नेविगेशन वैज्ञानिक और सिस्टम मैनेजर के रूप में काफी तेजी से आगे बढ़े। बाद में वह सितंबर 2014 में एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक के रूप में उभरे। उन्हें भारत सरकार के रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया।
रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार बनने के बाद उन्होंने कई राष्ट्रीय नीतियां बनाई। प्रक्षेपस्त्रों में आत्मनिर्भरता के लिए रोडमैप तैयार करने में मुख्य भूमिका निभाई। महानिदेशक, मिसाइल एंड स्ट्रटीजिक सिस्टम्स (डीजी, एमएसएस) के रूप में, उन्होंने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स लेबोरेटरीज- एएसएल, डीआरडीएल और आरसीआई, आईटीआर, टीबीआरएल एवं अन्य तकनीकी सुविधाओं की अगुवाई की। उन्होंने बीएमडी कार्यक्रम को बढ़ावा दिया तथा लंबी दूरी पर मार करने वाली अग्नि-5 मिसाइल के लिए मिशन महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों का विकास किया।
राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर मिल चुके हैं कई सम्मान
डॉ जी सतीश रेड्डी को उनके योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान मिल चुके हैं। उन्हें रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ नेविगेशन (एफआरआईएन), लंदन, रॉयल एयरोनॉटिकल सोसाइटी, यूके (एफआरएईएस) के फेलो के रूप में सम्मान मिला है। उन्हें रूस की एकेडमी ऑफ नेविगेशन एंड मोशन कंट्रोल के विदेश सदस्य के रूप में शामिल होने का गौरव हासिल हुआ है। वह सीएसआई एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सम्मानीय फेलो, इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, आईईटी (यूके) के फेलो, अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स, यूएसए तथा देश और विदेश में कई अन्य अकादमियों/ वैज्ञानिक निकायों के एसोसिएट फेलो हैं।