वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के देश में लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल एंड रिसर्च यानी आईसीएमआर ने एक अहम कदम उठाने जा रही है। दरसअल, आईसीएमआर कोविड-19 की टेस्टिंग फास्ट करने के लिए देशभर में ‘रैपिड एंटीजन टेस्ट’ की शुरुआत करने पर विचार कर रही है। इस नए तकनीक वाले टेस्ट की शुरुआत सबसे पहले दिल्ली में हुई थी। आईसीएमआर अब इस टेस्ट को देश भर में भी शुरू करने पर विचार कर रही है।
माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में यह नई तकनीक एक बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है। इसमें टेस्टिंग प्रक्रिया तेज होने के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों का जल्दी पता चल जाएगा, जिससे उनको जल्दी इलाज की सुविधा भी मिल जाएगी। आमतौर पर कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट 1 से 2 दिन में आती है, जबकि इस नई तकनीक वाले टेस्ट से जांच रिपोर्ट मात्र 15 से 30 मिनट में सामने आ जाएगी।
इस तरह से काम करता है रैपिड एंटीजन टेस्ट
रैपिड एंटीजन टेस्ट में किसी भी व्यक्ति की नाक की दोनों तरफ से फ्लूइड का सैंपल लिया जाता है और उसके पास ही खड़ी एक मोबाइल बैन के अंदर बनी लेबोरेटरी में जांच किया जाता है। अगर टेस्टिंग स्ट्रिप पर केवल एक लाइन आती है, तो इसका मतलब रिपोर्ट नेगेटिव है। लेकिन नेगेटिव रिपोर्ट की पुष्टि करने के लिए आरटीपीसी तकनीक से दोबारा जांच की जाती है।
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आपको जानकारी के लिए बता दें कि रैपिड एंटीजन टेस्ट को शुरू करने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य है। पिछले गुरुवार से शुरू हुए इस टेस्ट से दिल्ली में तेजी से संक्रमितों की पहचान की जा रही है। जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के मामले में कम करने में यह टेस्ट एक अहम भूमिका निभाएगा।