कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 7 लाख को पार कर गई है। इस महामारी को तेजी से फैलता देख पूरी दुनियाभर के लोगों के मन में डर बना हुआ है। भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1200 के पार जा पहुंची है। देश-दुनिया में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है। इस खतरनाक वायरस के इतनी तेजी से फैलने के कई कारण बताए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसके हवा से फैलने का भी दावा किया है। हालांकि, इसको लेकर डब्ल्यूएचओ यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन स्पष्ट जानकारी दे चुका है।
हवा में फैलने की बात में सच नहीं
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कोरोना वायरस के हवा में फैलने की बात कोरी अफवाह है। कोविड-19 वायरस एयरबॉर्न डिसीज नहीं है। जानकारी के लिए बता दें कि इस वायरस को लेकर कई ऐसी अफवाहें सामने आई थीं, जिनमें कहा जा रहा था कि कोरोना वायरस हवा में 8 घंटों तक एक्टिव रह सकता है। लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इस दावा को ख़ारिज कर दिया है।
डब्ल्यूएचओ ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया, ‘कोरोना वायरस सिर्फ सरफेस या ड्रॉपलेट के जरिए ही एक इंसान से दूसरे इंसान को संक्रमित करता है। रोगी व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने के बाद ही एक स्वस्थ्य इंसान संक्रमित हो सकता है।
ऐसा मरीज के खांसने, छींकने या मास्क पहनकर बात न करने के वक्त हो सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह महामारी सरफेस के जरिए भी तेजी से फैलती है। यानी खांसते या छींकते वक्त रोगी के ड्रॉपलेट्स यदि किसी जगह पर गिर जाएं और स्वस्थ्य व्यक्ति उसके संपर्क में आ जाए तो भी वह कोरोना वायरस का शिकार हो सकता है।
Read More: क्या हवा में भी फैलता है कोरोना वायरस? जानिए क्या है सच