पेटीएम केवाईसी फ्रॉड के चंगुल में कहीं आप न फंस जाए, जानें इस तरह के फ्रॉड से बचने के तरीके

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डिजिटल जमाने में जितनी सुविधा बढ़ रही है, उतनी ही धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। करीब सभी स्मार्टफोन यूजर्स डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में उन्हें सावधानी बरतने की बेहद आवश्यकता है। दरअसल हाल में पेटीएम ग्राहकों की शिकायत है कि उनके साथ केवाईसी के नाम पर फ्रॉड हुआ है। इस फ्रॉड की समस्या को गंभीरता से लेते हुए पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर इसे लेकर ग्राहकों को सचेत किया है। उन्होंने बीते दिनों एक ट्वीट कर लिखा कि, ‘कृपया आपके पेटीएम अकाउंट की केवाईसी करने या उन्हें ब्लॉक करने संबंधी मैसेज पर विश्वास ना करें। यह धोखेबाजों की कोशिश हो सकती है।’

उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए बताया कि हम कभी भी किसी एप को डाउनलोड करने या केवाईसी पूरी करने के लिए यूजर्स को मैसेज नहीं भेजते हैं। यही नहीं केवाईसी सिर्फ हमारे द्वारा अधिकृत प्वाइंट पर या फिर अपने प्रतिनिधि द्वारा आपके घर भेजकर कराते हैं।

विजय शेखर शर्मा ने एक अन्य ट्वीट पर लिखा कि ‘लकी ड्रॉ वाले मैसेज धोखेबाजों की कोशिश हो सकती है, इस तरह के झांसे में ना आए।’

इस तरह बनाते हैं धोखेबाज लोगों का अपना निशाना

आजकल अनेक प्रकार के मोबाइल एप हैं जिनको डाउनलोड करने पर लालच दिया जा रहा है। ऐसे में फ्रॉड करने वाले लोग यूजर्स के पास एक मैसेज भेजकर किसी मोबाइल एप को डाउनलोड करने या फिर उसकी केवाईसी पूरी करने की कहते हैं। जब लोग धोखेबाजों के बताए एप को डाउनलोड करते हैं या फिर उनके द्वारा भेजे लिंक पर केवाईसी पूरी करते हैं, तो यूजर का पिन धोखेबाजों के पास पहुंच जाता है। इस पिन की सहायता से धोखेबाज लिंक खाते को खाली कर लोगों को लाखों रुपए का चूना लगा देते हैं।

धोखेबाज ग्राहकों को थोड़ा लालच देकर AnyDesk, QuickSupport और TeamViewer जैसे एप को डाउनलोड करने को कह सकते हैं। इस तरह कई लोग लालच में आ जाते हैं और धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। अभी तक इस तरीके से कितने लोगों को निशाना बनाया गया है, इसकी अभी तक जानकारी नहीं है, लेकिन पेटीएम के पास पिछले तीन महीनों में और आरबीआई के पास ऐसी शिकायतें आई हैं।

इस प्रकार बचें धोखाधड़ी से

जब भी आप कोई डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें तो उस समय सतर्क रहें। इस प्रकार की सेवाओं के उपयोग के दौरान अगर कोई केवाईसी अपडेट कराने के लिए फोन करे तो उस पर भरोसा न करें।

कोई अनजान व्यक्ति कोई एप डाउनलोड करने की कहे तो ऐसा करने से बचे। फोन कॉल के माध्यम से कोई कंपनी कस्टमर वेरिफिकेशन नहीं कराती है।

पेटीएम अपने ग्राहकों की केवाईसी के लिए अपना प्रतिनिधि भेजता है और उस प्रतिनिधि की पूरी डिटेल आपको एसएमएस से दी जाती है। आप केवाईसी प्रतिनिधि का पहचान पत्र देखकर और उसके फोन नंबर का मिलान करके ही केवाईसी करवाएं।

जब भी यूपीआई और भीम एप डाउनलोड करते समय इस बात का ध्यान रखें कि ये एप कभी भी आधार कार्ड या मोबाइल आदि की जानकारी नहीं मांगती हैं। व्हाट्सएप पर केवाईसी या आधार डिटेल्स मांगने संबंधी संदेशों को लेकर चौकन्ने रहें।

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