भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी रानी नागर ने आखिरकार अपनी सर्विस से इस्तीफा दे दिया है। चंडीगढ़ में कर्फ्यू हटते ही उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया। हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर ने अपना इस्तीफा राज्य के मुख्य सचिव को भेजा। अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट लिखकर उन्होंने इस बता की जानकारी दी। प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद स्थित अपने घर लौटने के लिए पास का आवेदन भी किया है।
2014 बैच की आईएएस है नागर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रानी नागर 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में एक साधारण परिवार में हुआ। हाल में ही 23 अप्रैल को उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट डाली थी, जिससे अफसरशाही में हलचल मच गई थी। वह दिसंबर 2019 से अपनी बहन रीमा नागर के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 311 में किराए पर रह रही हैं।
अर्काइव विभाग में निदेशक थीं रानी नागर
सीनियर अधिकारी के उत्पीड़न और सुरक्षा नहीं मिलने से परेशान रानी नागर ने 17 अप्रैल को अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने व उनकी बहन रीमा नागर ने अपनी जान को खतरा बताते हुए लोगों से अपील की थी। बता दें, रानी नागर ने जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते तत्कालीन एसीएस सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
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उन्होंने सीएम मनोहर लाल खट्टर व मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा था, लेकिन उनको अनदेखा कर दिया गया। रानी नागर 14 नवंबर 2018 से अतिरिक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता व 7 मार्च 2020 से निदेशक अर्काइव का जिम्मा संभाल रही थीं। उनकी ताज़ा फेसबुक पोस्ट के अनुसार, वह अपनी बहन रीमा नागर के साथ ग़ाज़ियाबाद स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंच गई हैं।