पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की मर्डर मिस्ट्री से उठने वाला है पर्दा… जानें कैसे?

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बॉलीवुड फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही यह सोशल मीडिया पर ट्रेडिंग करने लगा है। ट्रेलर में दुनिया के सबसे बड़े डेमोक्रेसी का दूसरा प्रधानमंत्री ताशकंद जाता है, वॉर ट्रीटी पर साइन करता है और मौत की नींद सो जाता है। सैकड़ों सस्पेंस होते हैं, लेकिन एक शास्त्री जी मरे या मार दिए गए? हम जानना चाहते हैं कि शास्त्री जी के साथ क्या हुआ था? क्या उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी या जहर देकर मारा गया था? ऐसे तमाम सवाल इस फिल्म में उठाए गए हैं। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में 11 जनवरी, 1966 को रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी। दशकों बाद भी उनकी मौत की गुत्थी सुलझी नहीं हैं।

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ट्रेलर की शुरुआत लाल बहादुर शास्त्री की झलकियों से

फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ के ट्रेलर की शुरुआत लाल बहादुर शास्त्री की झलकियों के साथ होती है। करीब 3 मिनट के इस ट्रेलर में पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री की मौत पर एक बार फिर वही सवाल उठता है जिसके जवाब का देश आज तक भी इंतज़ार कर रहा है। पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर आधारित इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, मिथुन चक्रवर्ती, पंकज त्रिपाठी, मंदिरा बेदी, पल्लवी जोशी, श्वेता बसु प्रसाद जैसे मझे हुए बॉलीवुड कलाकारों ने काम किया है। फिल्म का निर्देशन विवेक अग्निहोत्री ने किया है। विवेक ‘चॉकलेट’ और बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ जैसी बेहतरीन फिल्में बना चुके हैं।

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यह गांधी और नेहरू का देश है, लेकिन शास्त्रीजी का क्यों नहीं?

फिल्म के ट्रेलर में पंकज त्रिपाठी का किरदार ये सवाल पूछता नज़र आता है, ‘एक प्रधानमंत्री को जहर दे दिया जाता है, संसद में अटैक हो जाता है और बॉम्बे में ब्लॉस्ट हो जाता है, लेकिन कुछ मत बोलो, यह सेक्यलरिज्म है।’ श्वेता बसु अपने रोल में सवालों को आगे बढ़ाते हुए कहती है, ‘जांच के लिए बनी कमिटी का मकसद सच जानना नहीं बल्कि एक झूठ क्रिऐट करना है क्योंकि सच जानने का साहस किसी में हैं ही नहीं।

सवा सौ करोड़ देश की जनता के लिए क्या सही है और क्या गलत यह तय करने के लिए साहस की जरूरत होती है। यह गांधी और नेहरू का देश है, लेकिन शास्त्रीजी का क्यों नहीं?’ सोमवार की दोपहर बाद जारी किए गए इस ट्रेलर के सामने आते ही लोगों ने इस पर बहस भी शुरू कर दी है। शास्त्री जी का पोस्टमार्डम क्यों नहीं किया गया था? उस दिन शास्त्री जी को थर्मस में दूध किसने दिया था। क्या उसमें जहर था। उन्होंने बजर या घंटी क्यों नहीं दबाई? क्योंकि वहां कोई घंटी नहीं थी, क्या इसके पीछे भी कोई साजिश थी?

12 अप्रैल को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी फिल्म

विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन वाली फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ 12 अप्रेल, 2019 को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है। दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी, पांच दशक से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी उनकी मौत की गुत्थी नहीं सुलझी। इस गुत्थी को अपनी फिल्म के माध्यम से विवेक अग्निहोत्री सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।

गौरतलब है कि भारत पाकिस्तान के बीच 1965 का युद्ध खत्म होने के बाद 10 जनवरी, 1966 को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने पाकिस्तानी सैन्य शासक जनरल अयूब खान के साथ उज्बेकिस्तान के ताशकंद शहर में ऐतिहासिक शांति समझौता किया था। बड़े ही आश्चर्यजनक रुप से उसी रात पूर्व पीएम शास्त्री का निधन हो गया था। वे ऐसे पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया था।

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विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ बनाते समय ट्वीट कर लिखा था, ’11 जनवरी, 1966 को हमारे दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी। यह हार्ट अटैक था या उन्हें जहर दिया गया था? 52 साल बाद भी आजाद भारत में गुप्त रखी गई इस बात का खुलासा नागरिकों, उनके परिजनों और समर्थकों के सामने नहीं हुआ है। कई साल के रिसर्च के बाद मैं यह फिल्म बनाने जा रहा हूं।’

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उन्होंने आगे लिखा था कि, ‘हिंदुस्तान का नागरिक होने के नाते यह हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है कि हमारे दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत कैसे हुई यह जानें? क्योंकि कुछ लोग कहते हैं कि उनकी मौत प्राकृतिक थी, जबकि कुछ लोगों को इसमें संदेह लगता है। मैं इसी रहस्य को फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रहा हूं।’

 

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