इसलिए नहीं हुए थे डायनोसोर विलुप्त, कुछ और है वजह

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फिल्मों में जब डायनोसोर देखते हैं तो हम स्क्रीन के सामने बैठे-बैठे ही काफी रोमांचित फील करते हैं। सोचिए अगर ये विशालकाय प्राणी आज भी होता तो उसे देखना कितना रोमांचकारी अनुभव होता लेकिन हम इस बात पर सिर्फ अफसोस ही कर सकते हैं कि अब यह मुमकिन नहीं है। यह प्रजाति पूरी तरह से विलुप्त हो चुकी है और अब हमारे पास देखने के लिए सिर्फ अवशेष बचे हैं। अक्सर आपके दिमाग में भी यह सवाल आता होगा कि आखिर यह प्रजाति खत्म कैसे हो गई?

आम अध्ययनों में बताया जाता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ये प्रजाति खत्म हो गई लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। डायनोसोर पर पिछले कई समय से कई तरह के अध्ययन हो रहे हैं। ऐसा ही एक अध्ययन पिछले दिनों हुआ है। नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार एस्टरॉइड यानी छोटे तारों के कारण डायनोसोर की प्रजाति समाप्त हुई ​है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लगातार एस्टरॉइड के भारी संख्या में गिरने से डायनोसोर की प्रजाति को काफी नुकसान हुआ। उनकी संख्या के कम होने के पीछे यह एक बड़ा कारण रहा।

इंपीरियल कॉलेज के शोधकर्ता एलेसेंड्रो चियारेंजा ने बताया कि क्रेटशियस काल से पहले डायनासोर के विलुप्त होने की संभावना नहीं थी। इस काल के अंत में पृथ्वी पर हुई एस्टरॉइड की बमबारी उनकी समाप्ति का कारण बनी। बताया कि जलवायु परिवर्तन से हुए प्रभावों से निपटने के लिए डायनोसोर सक्षम थे। इससे उनकी संख्या कम नहीं हुई थी। अध्ययन में बताया गया कि जीवाश्म के लिए बदलती परिस्थितियों से मतलब है कि पिछले अध्ययनों में केटेशियस काल के अंत में डायनोसोरों की प्रजातियों के संख्या को कम आंका है।

सहन कर सकता था जलवायु परिवर्तन

कुछ ​वैज्ञानिक इस बात को सिरे से नकारते हैं कि जलवायु में होने वाले विभिन्न परिवर्तन डायनोसोर की प्राजाति को समाप्त करने का प्रमुख कारण है। ​वैज्ञानिकों का मानना है कि डायनासोर एक टफ जानवर था, वह इतना स्ट्रॉन्ग था कि जलवायु परिवर्तन को सहन कर सके। जलवायु परिवर्तन से संख्या में कमी हो सकती थी लेकिन इससे ​डायनोसोर विलुप्त नहीं हो सकते थे।

वॉल्केनो और लावा भी रहा कारण

वहीं कुछ अध्ययन यह भी कहते हैं कि भौगोलिक कारण भी डायनोसोर के खत्म होने का एक प्रमुख कारण हो सकता है। विभिन्न अध्ययन यह कहते हैं कि ज्वालामुखी के फटने और भारी मात्रा में लावा निकलने के कारण डायनोसोर इस प्राकृतिक आपदा से खुद को बचा नहीं सके।
​वहीं कुछ ​वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि एस्टरॉइड और वॉल्केनो दोनों ही के कारण डायनोसोर का अस्तित्व समाप्त हुआ है।

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