भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर ने मंगलवार को चीन के साथ मौजूदा रिश्ते और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कई देशों की कंपनियों को चीन में काम करना मुश्किल हो रहा है। इसकी वजह से उन्हें भारी घाटा भी हो रहा है, इसलिए मेरा मानना है कि भारत विश्व में वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है। भारत के पास यह अच्छा अवसर है कि वह अपने विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ा सके। इससे पहले जस्टर ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा करते हुए कहा कि यह क्षेत्र भारत और अमेरिका के संबंधो के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत और हिंद महासागर का पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र से अटूट व्यावसायिक संबंध है।
भारत के सहयोग के बिना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता संभव नहीं
अमेरिकी राजदूत केन जस्टर ने कहा कि भारत के सहयोग के बिना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और लोकतांत्रिक शासन संभव नहीं है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी, सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं और सबसे अधिक आबादी वाले देश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 50 फीसदी से अधिक अंतरराष्ट्रीय व्यापार इसके समुद्री क्षेत्र से ही गुजरता है। यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है और तेजी से अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली विकसित करने के लिए एक व्यवस्थित केंद्र बन रहा है।
अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र और भारत के लिए प्रतिबद्ध
जस्टर ने कहा कि अमेरिकी सरकार न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए बल्कि विश्व मंच पर भारत के विकास का समर्थन करने के लिए समर्पित है। यूएस नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी ने साल 2017 में इसे एक प्रमुख शक्ति, मजबूत रणनीतिक और रक्षा साझेदार के रूप में भारत के उदय का स्वागत किया था। अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र और भारत के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के लिए अमेरिका का समर्थन राजनीतिक परिदृश्य में स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत हमारे रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले 4 वर्षों में हमने अपने देश को खतरों के बढ़ते समूह से सुरक्षित रखने और अपनी सीमाओं से परे सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत किया है।
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