कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों का प्रदर्शन जल्द खत्म होगा। सरकार अपनी तरफ से हरसंभव कोशिश कर रही है, हालांकि उन्होंने 26 जनवरी को होने वाली किसान की ट्रैक्टर रैली पर निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि किसान किसी अन्य दिन को भी चुन सकते थे, लेकिन उन्होंने अब जब ठान लिया है तो क्या कर सकते हैं। तोमर ने कहा कि बिना किसी दुर्घटना के शांतिपूर्ण ढंग से रैली आयोजित करना किसानों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय होगा।
सरकार किसान और कृषि दोनों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि किसानों के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद जब समाधान नहीं निकला तब मैंने किसानों से कहा कि डेढ़ साल के लिए कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित कर देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित किया है तो हम उनसे अनुरोध करेंगे कि थोड़ा और समय दें ताकि उस समय में हम लोग बातचीत के जरिए हल निकाल सकें।
उन्होंने कहा कि सरकार किसान और कृषि दोनों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में विगत 6 वर्षों में किसान की आमदनी बढ़ाने, खेती को नई तकनीक से जोड़ने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं और प्रयास किए गए हैं। एमएसपी को डेढ़ गुना करने का काम भी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुआ।
उन्होंने कहा कि किसानों को उसके उत्पादन का सही दाम मिल सके, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो सके इसलिए जहां कानून बनाने की आवश्यकता थी वहां कानून बनाए गए और जहां कानून में बदलाव की आवश्यकता थी वहां कानून में बदलाव भी किए गए। इसके पीछे सरकार और प्रधानमंत्री की साफ नीयत हैं।