रक्षा मंत्रालय ने पेगासस बनाने वाली कंपनी से नहीं की डील, सरकार ने राज्यसभा में दिया जवाब

Views : 1762  |  3 minutes read
NSO-Group-Israel

पेगासस स्पाईवेयर जासूसी मामले को लेकर संसद में हंगामे के बीच रक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में जवाब दिया। मंत्रालय ने कहा है कि उसने इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज के साथ कोई करार नहीं किया है। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि इजरायल की एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज कंपनी के साथ मंत्रालय ने कोई भी करार या लेन-देन नहीं किया है। बता दें, सोमवार को राज्यसभा सदस्य वी. शिवदासन ने सदन में रक्षा मंत्रालय से खर्चों से जुड़े कुछ सवाल पूछे थे। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या सरकार ने एनएसओ ग्रुप के साथ कोई ट्रांजैक्शन किया है। इसके लिखित जवाब में रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि मंत्रालय का एनएसओ के साथ कोई करार नहीं हुआ है।

एनएसओ पर स्पाईवेयर पेगासस की मदद से जासूसी के आरोप

आपको बता दें कि एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज एक इजरायली टेक्नोलॉजी कंपनी है जिस पर स्पाईवेयर पेगासस की मदद से जासूसी के आरोप हैं। इसको लेकर संसद में विपक्ष लगातार सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहा है। पेगासस जासूसी मामला संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से ही हंगामे की बड़ी वजह बना हुआ है। 19 जुलाई को संसद सत्र की शुरुआत से ही संसद के दोनों सदनों में विपक्ष रोज इस मुद्दे को उठा रहा है, लेकिन अब तक मामले पर किसी भी सदन में चर्चा नहीं हुई है।

रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भारत-इजरायल के बीच हुई चर्चा

उधर, भारत व इजरायल के बीच सोमवार को रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। इजरायली रक्षा मंत्री बेनी ग्लेंज ने ट्वीट कर कहा कि भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने उनसे मुलाकात की। उन्होंने दोनों देशों के बीच मौजूदा रक्षा सहयोग व औद्योगिक संबंधों की समीक्षा की। आपको बता दें कि दो सप्ताह पूर्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ग्लेंज से फोन पर चर्चा की थी। इजरायल में प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की नई सरकार बनने के बाद दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच यह पहली परिचर्चा थी।

इस साल चीन से कोई घुसपैठ नहीं, बर्मा से घुसे 8486 नागरिक

रक्षा मंत्रालय ने सदन में एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि वर्ष 2021 के दौरान भारत चीन सीमा से घुसपैठ की कोई घटना नहीं हुई है। इसके अलावा मंत्रालय ने अन्य सवाल के जवाब में बताया कि म्यांमार में सैन्य विद्रोह के बाद 8,486 नागरिकों या शरणार्थियों ने भारतीय चौकी पार की। इनमें से 5,796 को वापस भेज दिया गया, जबकि 2,690 अभी भी भारत में हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि म्यांमार सीमा से घुसे लोगों को सीमा रक्षा बलों ने पकड़ लिया और उन्हें संबंधित राज्य की पुलिस को सौंपा।

Read Also: पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठक में सभी मंत्रालयों के लिए तय किया एजेंडा

COMMENT