केंद्र सरकार भारतीय सेना को और ताकतवर बनाने के लिए लगातार अत्याधुनिक हथियारों की खरीदारी कर रही है। इसी के तहत अब रक्षा मंत्रालय ने सेना के तीनों अंगों के लिए 28,000 करोड़ रुपये की लागत से हथियार और सैन्य उपकरण की खरीद के सौदे को अपनी मंजूरी दे दी है। इस बारे में गुरुवार को अधिकारियों ने जानकारी दी। आपको बता दें इस रक्षा सौदे को ऐसे समय में मंजूरी दी गई है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर लंबे समय से गतिरोध चल रहा है।
डीएसी ने खरीद के कुल सात प्रस्तावों को मंजूरी दी
जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्रालय द्वारा मंजूर किए गए तकरीबन सारे हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद घरेलू उद्योगों से की जाएगी। रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने घरेलू उद्योग से 27,000 करोड़ रुपये के खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी है। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय की खरीद पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई डीएसी ने खरीद के कुल सात प्रस्तावों को मंजूरी दी।
‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को बढ़ावा
इस रक्षा सौदे को मंजूरी देने के बाद रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 28,000 करोड़ रुपये के सात प्रस्तावों में से छह प्रस्ताव 27,000 करोड़ रुपये के हैं। इसके तहत ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय उद्योग को एओएन (स्वीकार्यता मंजूरी) दी जाएगी। इन खरीद प्रस्तावों में डीआरडीओ द्वारा तैयार वायुसेना के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली (हवाई जहाजों की मौजूदगी के बारे में), नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के गश्ती पोत और थल सेना के लिए मॉड्यूलर ब्रिगेड शामिल हैं।
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