कोंकणी रिवाज से हुई दीपिका-रणवीर की शादी, जानें क्या होता है इसमें खास

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बॉलीवुड के दो चहेते स्टार शादी के बंधन में बंध गए हैं। जी हां, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की शादी इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। इटली के लेक कोमो में शादी के भव्य आयोजन किया गया है। सभी रस्मों की अदायगी के बाद दोनों हमेशा के लिए एक-दूसरे के हो गए।

जहां एक तरफ लोग दोनों की शादी की एक झलक पाने के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं वहीं इटली में हुई इस शादी की चर्चा कुछ और वजहों से भी हो रही हैं। शादी को लेकर अपनाए जाने वाले रीति-रिवाज हर किसी की जुबां पर बने हुए हैं। दोनों कोंकणी रीति-रिवाजों से शादी करने जा रहे हैं।

ऐसे में हर कोई यह जानना चाहता है कि कोंकणी रीति रिवाज में क्या अलग होता है, कैसे होती है इसमें शादी, तो चलिए हम देते हैं आपको सारे सवालों के जवाब।

उडिडा मुहूर्त-

उडिडा यानि काला चना जो कि कोंकणी समाज के आहार में सबसे प्रमुख माना जाता है। इस रस्म के दौरान नई दुल्हन को काले चने को चक्की पर पीसना सिखाया जाता है। इसके बाद दूल्हा भी इस रस्म करता है। इसके पीछे यह मान्यता है कि दोनों शादीशुदा जिंदगी में आगे एक-दूसरे के काम आ सकें।

काशी यात्रा-

रस्म के नाम से आप सोच रहे होंगे कि शादी के बाद दोनों काशी चले जाते हैं, तो दिमाग को वापस इधर लाइए और आगे पढ़िए। हर शादी में शरारतों और मस्ती का दौर चलता है। ये रस्म भी कुछ वैसी ही होती है। काशी यात्रा में प्रतीकात्मक तौर पर दूल्हा शादी के बाद सभी सांसारिक बंधनों को छोड़कर अकेला जीवन बिताने काशी जाता है।

तभी दुल्हन के पिता उसे मनाने का नाटक करते हैं और कुछ देर बाद वो मान जाता है।

वरमाला-

दूल्हा और दुल्हन कई तरह की रस्मों के बाद मंडप में पहुंचते हैं। दुल्हन को गोद में उठाकर स्टेज पर लाया जाता है यह काम मामा करते हैं। दूल्हा-दुल्हन के बीच वहां एक परदा लगा होता है और कुछ मंत्र पढ़ने के बाग जैसे ही परदा गिरता है दोनों एक-दूसरे को माला पहनाते हैं।

सप्तपदी-

दूल्हा-दुल्हन के बीच में चावल के सात ढेर रखे जाते है। श्लोक के बीच दुल्हन चावल के ढेरों पर कदम रखते हुए आगे बढ़ती है। इसका मतलब होता है कि ये सातों जन्म एक साथ रहेंगे।

होन्टी भोर्चे-

सारी रस्मों के बाद दुल्हन कपड़े बदल लेती है और शादी के कपड़े पहन लेती है। शादी के कपड़े पहनने के बाद वो माथे पर अर्द्धचंद्र बिंदी लगाती है जिसका मतलब होता है वो अब शादीशुदा है।

वर उभर्चे-

शादी की सारी रस्मों के बाद यह आखिरी रस्म है। इसमें दुल्हन के मामा और मामी, जोड़े को मंडप से लेकर आते हैं। फिर दुल्हन को जमीन पर बैठाकर दूल्हा उसके पल्लू में सोने का एक सिक्का बांधता है।

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