हाल में ब्रिटेन की सांसद डेबी अब्राहम को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस लौटना पड़ा था, इस विवाद पर अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उनके पास वैध वीजा नहीं था। विभाग के प्रवक्ता रवीश कुमार ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, डेबी अब्राहम्स के पास वैध वीजा नहीं होने की वजह से उन्हें सम्मानपूर्वक देश छोड़ने के लिए कहा गया। हमने उन्हें ‘इज्जत से’ वापस भेजा।
उन्होंने कहा कि डेबी के और पाकिस्तान के बीच संबंधों के बारे में आप इस बात अंदाजा वह भारत विरोधी हैं। हमारा मानना है कि उनके बयान और नजरिया भारत विरोधी है। ब्रिटिश सांसद की ओर से भारत के खिलाफ लगातार कैंपेन चलाए जा रहे हैं। रवीश कुमार ने आगे कहा कि, उन्होंने दावा किया कि वह अपने परिवार और दोस्तों से मिलने आई थीं. अगर मान लिया जाए कि उनके पास वैध वीजा था भी, तो वो ई बिजनेस वीजा था। बिजनेस वीजा में घर-परिवार के लोगों से मिल सकते हैं लेकिन ये प्राथमिक उद्देश्य नहीं हो सकता है।
भारत के राज्य जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स (Debbie Abrahams) ने मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना की थी। वह ब्रिटिश सांसद के साथ ही कश्मीर के लिए ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप की अध्यक्ष हैं।
कश्मीर में मानवाधिकारों के मुद्दों पर आलोचना बना कारण
डेबी का वीजा रद्द किए जाने के बाद उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, ‘दिल्ली एयरपोर्ट पर बाकी सभी लोगों की तरह मैंने भी इमिग्रेशन डेस्क पर अपने दस्तावेज दिखाए थे। उसमें मेरा ई-वीजा भी था। अधिकारियों ने मुझसे कहा कि मेरा वीजा रद्द कर दिया गया है। उन्होंने मेरा पासपोर्ट ले लिया और करीब 10 मिनट के लिए वह लोग वहां से गायब हो गए। जब वह वापस लौटे तो बेहद गुस्से में थे और मुझसे चिल्लाते हुए बोले कि मेरे साथ आओ। मैंने उनसे कहा कि मुझसे ऐसे बात मत करो।’
इस व्यवहार पर ब्रिटिश सांसद ने ट्वीट किया था, ‘भारत सरकार ने मुझे वीजा दिए जाने के बाद इसे रद्द क्यों कर दिया। उन्होंने मुझे वीजा ऑन अराइवल क्यों नहीं दिया। क्या ये इसलिए हुआ क्योंकि मैं कश्मीर में मानवाधिकारों के मुद्दों पर भारत सरकार की आलोचना कर रही हूं।’
मानवाधिकारों के लिए लड़ना अच्छा है, लेकिन उसकी आढ़ में किसी देश के साथ पक्षपात करना सरासर गलत है। जितनी सच्चाई के साथ डेबी कश्मीर में मानवाधिकारों के मुद्दे उठा रही है, अगर इतनी ही ईमानदारी से आतंक के खिलाफ बोलती तो शायद स्थिति कुछ अलग होती।
उन्होंने 14 फरवरी 2020 को ही भारत के राष्ट्रीय हित के खिलाफ गतिविधियों में लिप्त होने के कारण डेबी अब्राहम्स का ई-बिजनेस वीजा रद्द कर दिया गया था। अधिकारियों ने कहा कि वीजा देना, उसे अस्वीकृति करना और उसे रद्द करना किसी भी देश का संप्रभु अधिकार है। उन्होंने जब भारत की यात्रा की तो उनके पास वैध वीजा नहीं था, इसी वजह से उनसे वापस जाने का अनुरोध किया गया था।