महिलाएं अब पुरुषों से किसी भी प्रकार से कम नहीं है, इसी कथन को सत्य कर रही है गुजरात आतंकवाद निरोधी बल की महिला दस्ता। इस दस्ते में शामिल चार महिला अफसरों ने गुजरात के घने जंगलों में लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर खूंखार गैंगेस्टर जुसब अल्लारखा सांध पर ऐसा शिकंजा कसा और उसे पकड़ लिया, उसकी एक भी शातिर चाल कामयाब नहीं हो सकी।
इस कामयाब टीम में महिला पुलिस इंस्पेक्टर संतोक बेन, नितमिका, अरुणा बेन और शकुंतला बेन शामिल थीं। इस टीम के साथ एक पुलिस अफसर जिग्नेश अग्रावत भी थे। जो टीम को किसी भी विपरीत परिस्थिति में सहायता करते।
जुसब अल्लारखा गुजरात का डॉन था। उसके नाम कई हत्याओं और लूट के मामले दर्ज हैं। राज्य की पुलिस के लिए वह सिरदर्द बना हुआ था। वह अपराध करने के बाद बोटाद के जंगलों में छुप जाया करता था। वह इतना शातिर था कि पुलिस की पकड़ से दूर रहने के लिए न तो वह अपने पास न तो मोबाइल रखता था और न ही कोई गाड़ी। वह एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए घोड़ी का प्रयोग करता था ताकि शोर से पुलिस को उसके होने का पता न चल सके।
इन सब के बाद भी उसकी एक न चली। हाल में ही एटीएस को खबर मिली थी कि बोटाद के जंगल में गैरकानूनी गतिविधियां जारी हैं जिसमें कई नामी बदमाश शामिल हैं। इसके अलावा यह भी बताया गया था कि उनके पास हथियार भी हो सकता है।
इसके बाद एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने एक टीम का गठन किया। इस टीम में इन बहादुर लड़कियों को शामिल किया गया। अत्याधुनिक हथियारों से लैस इस टीम की कार्रवाई के आगे डॉन और इसके गुर्गों की एक न चली और इसे जान बचाने के लिए सरेंडर करना पड़ गया।
इस महिला टीम ने मिली सूचना के मुताबिक कार्य को अंजाम तक पहुंचाने उन्हें रात को घने जंगलों में लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। गाड़ी का इस्तेमाल गोपनीयता के कारण नहीं किया जा सकता था। टीम उसके ठिकाने के पास जाकर छिप गई और सुबह होने का इंतजार करने लगी।
जैसे ही सुबह वह अपने ठिकाने से बाहर आया पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसके खिलाफ हत्या, जबरन वसूली और मारपीट के कई केस दर्ज हैं।