पाकिस्तानी पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया को लेकर पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के बयान के बाद एक बार फिर गुरुवार को सुर्खियों में रहे। इस बार उनसे एक महिला प्रशंसक ने सोशल मीडिया पर इस्लाम कबूल करने की अपील की थी और कहा इस्लाम के बिना जीवन कुछ भी नहीं। 39 वर्षीय कनेरिया सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं।
ट्विटर पर #AskDanish सेशन के दौरान कनेरिया ने अपनी उस प्रशंसक को जवाब देने में देर नहीं लगाई और लिखा कि आपकी तरह कई ने यह कोशिश की, लेकिन वे कामयाब नहीं हुए।
His words are also as blunt as his bowling. It is a fact that I didn’t get any support from PCB. They don’t want to even talk to me. I feel that I am being punished for being a player from the minority community in Pakistan. #AskDanish https://t.co/DTliWzsEs8
— Danish Kaneria (@DanishKaneria61) January 30, 2020
इससे पूर्व आमना गुल नामक एक महिला प्रशंसक ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर दानिश कनेरिया को लिखा- ‘आप इस्लाम कबूल कर लीजिए। इस्लाम सब कुछ है। मैं जानती हूं कि इस्लाम के बिना जीवन कुछ भी नहीं है। आपकी जिंदगी मौत जैसी है। आप इस्लाम कबूल कर लीजिए।’
इसके बाद एक ओर यूजर ने दानिश से एक सवाल किया कि क्या आप पाकिस्तान में सुरक्षित महसूस नहीं करते..? कनेरिया ने इसका सकारात्मक जवाब देते हुए लिखा कि- ‘मैं यहां बिल्कुल सुरक्षित हूं। मैंने कहा था कि कुछ लोगों ने कोशिश की थी। शब्दों के साथ न खेलें।’ इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है।
तेज गेंदबाज शोएब अख्तर की तारीफ़
उनके एक प्रशंसक ने उनसे पूछा, “शोएब अख्तर ने आपको सुर्खियों में रखा…… इसमें आपको कैसा लगा?”
इस पर दानिश ने जवाब दिया कि ‘उनकी बातें भी उनकी गेंदबाज़ी की तरह धारदार हैं। यह सच है कि मुझे पीसीबी से कोई समर्थन नहीं मिला। वह मुझसे बात भी नहीं करना चाहते थे। मुझे महसूस होता है कि मुझे पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय का खिलाड़ी होने की सज़ा मिली।’
ऐसे ही एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा ‘मैं बार-बार कहूँगा कि मेरे साथ भेदभाव हुआ। ख़ासकर पीसीबी की तरफ से और मैं स्वयं से ही पूछता रहा कि मेरी अनदेखी इसलिए होती रही शायद मैं हिंदू हूं।’
वह तब ज्यादा सुर्खियों में आए जब पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख़्तर ने भी कहा था कि उनके कुछ साथी खिलाड़ी टीम के ही एक अन्य खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ इसलिए पक्षपातपूर्ण व्यवहार करते थे क्योंकि वह हिंदू थे।