2018 की रिटायर्ड 11 : वो क्रिकेटर्स जिन्हें अब हम नहीं देख सकेंगे मैदान में

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साल 2018 में 11 खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया जिनमें से कुछ खिलाड़ी तो अब मैदान में नजर नहीं आने वाले हैं। डालते ऐसे खिलाड़ियों के कॅरिअर पर एक नजर

1.एबी डीविलियर्स : दक्षिण अफ्रीका के लिए 114 टेस्ट और 228 वनडे मैच खेलने वाले डीविलियर्स ने साल की शुरूआत में संन्यास लेकर अपने फैंस को चौंका दिया।

अपने शानदार खेल से सबका दिल जीतने वाले डीविलियर्स अब सिर्फ टी-20 लीग में ही खेलते नजर आएंगे। क्रिकेट में बड़े मुकाम हासिल कर चुके डीविलियर्स को आज भी अपने देश को वर्ल्डकप नही जिता पाने का मलाल है।

2.मॉर्न मॉर्कल : साउथ अफ्रीका के लिए 86 टेस्ट और 117 वनडे खेल चुके इस लंबे कद के तेज गेंदबाज का बल्लेबाजों में काफी समय तक खौफ रहा था।

अपने साथी क्रिकेटर डेल स्टेन के साथ मॉर्कल ने काफी विकेट लिए है। मॉर्कल टेस्ट में 309 और वनडे में 188 विकेट ले चुके हैं और दक्षिण अफ्रीका के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक हैं।

3.एलेस्टेयर कुक : इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले पूर्व कप्तान एलेस्टेयर कुक ने भारत के खिलाफ आखिरी मैच खेलकर संन्यास ले लिया।

अपने आखिरी टेस्ट मैच में इन्होंने शानदार शतक जड़कर इंग्लैंड को जीत दिलाई। अभी हाल ही ईसीबी ने कुक को सर की उपाधि से नवाजा है। कुक अब कमेंट्री बॉक्स में अपनी नई पारी की शुरूआत करेंगे जहां वो 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जाने वाली सीरीज में कमेंट्री करते हुए देखे जा सकेंगे।

4.रंगना हैरथ : मुरलीधरण के बाद श्रीलंका के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले स्पिनर रंगना हैरथ ने 40 वर्ष की उम्र में संन्यास ले लिया है।

हैरथ ने लंका के लिए 93 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्हें 433 विकेट हासिल हुए वहीं 71 वनडे मैचों में 74 विकेट भी उनके खाते में दर्ज है। हैरथ 90 के दशक से क्रिकेट खेलते आए आखिरी क्रिकेटरों थे जिन्होंने अब जाकर संन्यास लिया है।

5.मोहम्मद कैफ : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लंबे समय तक दूर रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की।

भारत के लिए 13 टेस्ट और 125 वनडे मैच खेल चुके कैफ किसी समय भारतीय फील्डिंग की जान थे और अपनी जबरदस्त फुर्ती के लिए जाने जाते थे। कैफ ने घरेलू मैचों उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की कप्तानी भी की है जहां इन टीमों ने उनकी कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया।

6.मुनाफ पटेल : 2011 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम की गेंदबाजी का अहम हिस्सा रहे मुनाफ पटेल ने इस साल संन्यास लेने की घोषणा की।

 

मुनाफ लंबे समय से क्रिकेट से दूर थे और इस साल उन्होंने टी 10 लीग में भाग लिया था। मुनाफ आगे कोचिंग देते हुए देखे जा सकते हैं।

7.आरपी सिंह : 2007 के टी20 विश्वकप में अपनी धारदार गेंदबाजी से टीम को जीत दिलाने वाले आरपी सिंह ने इस साल संन्यास लेने का फैसला किया। आरपी ने भारत के लिए 14 टेस्ट और 58 एकदिवसीय मैच खेले हैं।

8.ड्वेन ब्रावो : वेस्टइंडीज के सर्वश्रेष्ठ आॅलराउंडरों में से एक ब्रावो अब अपने देश के लिए क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में खेलते नजर नहीं आएंगे।

ब्रावो ने वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ काफी लंबे समय से चल रहे विवाद के कारण संन्यास लेने का फैसला किया। वो अब टी20 लीग में ही खेलते दिखाई देंगे।

9.गौतम गंभीर : पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर ने दिल्ली के लिए अपना आखिरी रणजी ट्रॉफी मुकाबला खेलकर संन्यास ले लिया।

गंभीर ने कर्नाटक के खिलाफ आखिरी मैच में शानदार शतक जड़ मैदान से अच्छी विदाई ली। क्रिकेट के बाद गंभीर को राजनीति के मैदान में देखा जा सकेगा।

10. प्रवीण कुमार : अपनी गजब की स्विंग गेंदबाजी बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर देने वाले पीके ने काफी समय से क्रिकेट से दूर रहने के बाद संन्यास लेने का फैसला किया। प्रवीण का कॅरिअर चोट के कारण काफी प्रभावित रहा।

11. केविन पीटरसन : इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक रहे पीटरसन ने खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है।

ईसीबी से विवाद के बाद पीटरसन टीम से लंबे समय से बाहर चल रहे थे। मगर दुनियाभर की टी 20 लीग में वो खेलते दिखाई दे जाते थे। इस साल पाकिस्तान सुपर लीग में अपनी टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाने के बाद पीटरसन ने संन्यास ले लिया।

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