कोरोना: तेलंगाना की मंत्री ने मजदूरों को घर लौटने से रोकने के लिए पेश की मिसाल

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भारत में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मरीजों को देखते हुए हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संपूर्ण देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की। इसके बाद शहरों से मजदूरों ने बड़ी संख्या में अपने घरों के लिए पलायन शुरू कर दिया। राजधानी दिल्ली समेत कई बड़े शहरों से मजदूरों के पलायन को लेकर प्रशासन और संबंधित राज्य सरकारों को कुछ सूझ नहीं रहा है कि उन्हें कैसे रोका जाए। इसी बीच तेलंगाना की एक मंत्री ने मजदूरों का पलायन रोक सबके लिए मिसाल पेश की है।

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मजदूरों के बीच सड़क पर बैठ गई मंत्री

कुछ यूं हुआ कि तेलंगाना सरकार में आदिवासी, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री सत्यवती राठौर लॉकडाउन के बावजूद तेलंगाना से महाराष्ट्र अपने घरों की ओर जा रहे मजदूरों को रोक कर उन्हें बीच जाकर सड़क पर ही बैठ गईं। इन मजदूरों के साथ उनके परिवार के सदस्य भी साथ थे। मंत्री राठौर ने इन मजदूरों को न केवल कोरोना महामारी के संक्रमण के खतरे के बारे में समझाया, ​बल्कि उन्हें खाना खिलाया और हर संभव मदद करने का भरोसा भी दिया।

दरअसल, मंत्री सत्यवती राठौर ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को उनके परिवारों के साथ तेलंगाना-महाराष्ट्र बार्डर के पास पैदल चलते देखा। उन्हें देखकर पहले तो मंत्री अपनी कार से उतर कर बाहर आई और फिर उनसे बात करने के लिए सड़क पर ही बैठ गईं। इसके बाद मंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को बुलाया और सभी प्रवासी लोगों का मेडिकल चेकअप कराया। साथ ही उन्होंने प्रशासन को मजदूरों को दो क्विंटल चावल और हर एक को 10 हजार रुपए देने के लिए कहा।

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इसके अलावा मंत्री सत्यवती राठौर ने सरकारी अधिकारियों को मजदूरों व उनके परिवार के लोगों को स्कूल की इमारतों में ठहराने और कृषि गतिविधियों में रोजगार दिलाने के लिए भी कहा। महाराष्ट्र के महबूबाबाद जिले के रहने वाले करीब 5 हजार प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घरों को लौट रहे थे। मंत्री राठौर ने बताया कि महबूबनगर जिले में ऐसे 105 लोग हैं, जो हाल में ही विदेश से लौटे हैं। ये सभी लोग अभी क्वारंटीन में हैं। बता दें, भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 1 हजार के करीब पहुंच गया है, जबकि अब तक 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

 

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