वैश्विक कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। भारत में धीरे ही सही मगर कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके कारण अब वह दुनिया के इस वायरस से प्रभावित टॉप 10 देशों में पहुंच गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में जुलाई में कोरोना के मामले चरम पर होने की संभावना हैं। उस दौरान इस महामारी से करीब 18 हजार लोगों की जान जा सकती है। फिलहाल भारत महामारी के बढ़ते चरण में है।
जुलाई की शुरुआत में कोरोना चरम पर होगा: सीसीसीसी प्रोफेसर
सीसीसीसी यानी सेंटर फॉर कंट्रोल ऑफ क्रॉनिक कंडीशन के प्रोफेसर डी प्रभाकरन ने बुधवार को कहा, ‘ देश में जुलाई की शुरुआत में कोरोना संक्रमण चरम पर होगा।’ बता दें, यह आकलन प्रकाशित विभिन्न मॉडलों के अध्ययनों पर आधारित है, जिसमें दिखाया गया है कि अन्य देशों में मामले कैसे बढ़े और कैसे कम हुए। इनके मुताबिक, भारत में औसतन तीन फीसदी की मृत्युदर से जुलाई माह में करीब चार से छह लाख मामले होंगे। यानी उस दौरान करीब 12 से 18 हजार लोगों की कोरोना से मौत हो सकती है।
वास्तविक मृत्युदर महामारी खत्म होने पर पता चलेगी
भारत में कम मृत्युदर और इसके संभावित कारणों पर प्रोफेसर डी प्रभाकरन ने कहा, ‘वास्तविक मृत्युदर तभी पता चल सकेगी, जब यह कोरोना महामारी खत्म हो जाएगी। हालांकि जो सीमित डाटा मिल रहा है, उसके मुताबिक भारत में मृत्युदर अन्य देशों के मुकाबले कम है। मुझे लगता है कि इटली या अमेरिका की तुलना में भारत में ज्यादा युवा आबादी का होना भी एक अहम कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि उम्र एक महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि उम्र ज्यादा होने पर बीमारी की चपेट में आने की संभावना ज्यादा है। प्रो. प्रभाकरन ने आगे कहा, बीसीजी टीकाकरण, संक्रमण के संपर्क में आना, अस्वाभाविक परिस्थितियों से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि, गर्म मौसम सहित अन्य कारक भी हैं, लेकिन इनको लेकर कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है।’
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साउथ एशियन देशों में कोरोना की मृत्युदर कम: जीवीएस मूर्ति
हैदराबाद स्थित आईआईपीएच यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के निदेशक प्रोफेसर जीवीएस मूर्ति ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों की मृत्युदर कम है। उन्होंने बताया कि श्रीलंका में प्रति एक लाख पर 0.4 फीसदी है, जबकि भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, सिंगापुर और मलेशिया में प्रति लाख आबादी पर भी मृत्युदर काफी हद तक कम है। हालांकि, फिलहाल यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि इन देशों में ऐसा क्यों है।’ बता दें, भारत में कोरोना संक्रमण के मामले 1.50 लाख की संख्या को पार कर गए हैं और इस वायरस से अब तक 4300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।