कोरोना संकट: राजस्थान में बिजली-पानी के दो माह के बिल होंगे स्थगित

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संकट में किसानों, उद्योगों एवं आमजन को राहत प्रदान करते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सरकार ने औद्योगिक प्रतिष्ठानों, किसानों एवं घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत एवं पानी के बिलों का भुगतान दो माह तक स्थगित करने, किसानों को सहायता प्रदान करने जैसे कई निर्णय लिए हैं।

समझें, पानी-बिजली के बिलों में इस तरह मिली है राहत

  • राज्य सरकार के निर्देश अनुसार औद्योगिक प्रतिष्ठानों के विद्युत कनेक्शन के मार्च एवं अप्रैल माह के उपभोग के बिल जो अप्रैल एवं मई में जारी होंगे उनमें फिक्स्ड चार्ज (स्थाई शुल्क) को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई, 2020 तक स्थगित (डेफर) किया है।
  • राजकीय प्रतिष्ठान एवं लॉकडाउन से मुक्त प्रतिष्ठानों को छोड़कर अन्य सभी अघरेलू (व्यावसायिक,पर्यटन संबंधित, शोरूम, दुकान, होटल, वर्किंग हॉस्टल आदि) कनेक्शनों के मार्च एवं अप्रैल माह के विद्युत बिलों के फिक्स्ड चार्ज को 31 मई 2020 तक डेफर किया गया है।
  •  कृषि उपभोक्ताओं के मार्च,अप्रैल एवं मई में जारी होने वाले बिलों का भुगतान भी 31 मई 2020 तक स्थगित किया है।
  • ऎसे कृषि एवं घरेलू कनेक्शन जो बकाया राशि के कारण 31 मार्च 2019 से पहले काटे गए थे उनके लिए एमनेस्टी योजना की अवधि भी 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी है।
  • घरेलू उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए 150 यूनिट प्रतिमाह तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के मार्च एवं अप्रेल माह के बिलों का भी भुगतान स्थगित करने का निर्णय किया है। इन बिलों का भुगतान उपभोक्ता मई माह में जारी होने वाले बिलों की राशि के साथ कर सकेंगे।
  • इसके साथ ही अगर कृषि एवं घरेलू श्रेणियों के सभी उपभोक्ता 31 मई 2020 तक बिलों का भुगतान करेंगें तो उन्हें आगामी बिल में भुगतान की गई राशि की 5 प्रतिशत छूट मिल जाएगी।
  • इसी प्रकार समस्त आम उपभोक्ता अपने मार्च माह एवं अप्रेल माह के पानी के बिलों का भुगतान जून माह में कर सकेंगे।

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किसानों ​को भी मिली ये बडी राहत
  • राजस्थान सरकार ने कोरोना संकट में किसानों की समस्याओं को देखते हुए बडी राहत दी है और महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। जिनमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में राज्य सरकार अगले एक माह में 700 करोड़ रूपए के प्रीमियम का भुगतान और करेगी। वहीं अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 5 लाख किसानों को 5 किलोग्राम की दर से निशुल्क संकर मक्का बीज के मिनिकिट वितरित किए जाएंगे।
  • इसके साथ ही बाजरा उत्पादक जिलों के 10 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को 0.4 हैक्टेयर क्षेत्र तक के लिए प्रति कृषक 1 किलो 500 ग्राम के संकर बाजरा बीज के मिनिकिट निशुल्क वितरित किए जाएंगे। आर्थिक रूप से कमजोर लघु एवं सीमांत किसानों को फसल कटाई, थे्रसिंग एवं अन्य कृषि गतिविधियों के लिए निशुल्क टै्रक्टर एवं कृषि यंत्र किराए पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। खरीफ फसली ऋण के लिए किसानों को 25 प्रतिशत ऋण बढ़ाकर दिया जाएगा।

 

 

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