कोरोना संकट से भारत में 13.5 करोड़ लोगों की नौकरी पर ख़तरा, इतने लोग हो सकते हैं गरीब

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Unemployed-in-India

कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस महामारी के संकट की वजह से देश में करीब 13.5 करोड़ लोगों की नौकरी जा सकती है। इतना नहीं, 12 करोड़ से ज्यादा लोग गरीब के दायरे में आ सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन परामर्श कंपनी आर्थर डी लिटिल की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 का सबसे बुरा असर भारत में लोगों की नौकरियों पर पड़ेगा और गरीबी बढ़ेगी, साथ ही प्रति व्यक्ति आय में कमी आएगी। परिणाम स्वरूप सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में तेजी से गिरावट आएगी।

7.6 प्रतिशत से बढ़ 35 फीसदी हो सकती बेरोजगारी

आर्थर डी लिटिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के भारत में लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां डब्ल्यू आकार की रिकवरी सबसे संभावित परिदृश्य है। वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 10.8 फीसदी की गिरावट और वित्त पर्ष 2021-22 में 0.8 फीसदी की जीडीपी वृद्धि का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में बेरोजगारी 7.6 प्रतिशत से बढ़कर 35 फीसदी तक हो सकती है। इसके कारण 13.5 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है और करीब 17.4 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं। रिपोर्ट की मानें तो देश में 12 करोड़ लोग गरीबी के दायरे में आ सकते हैं और 4 करोड़ लोग बेहद गरीबी में जा सकते हैं।

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आत्मनिर्भर भारत अभियान अच्छी शुरुआत: बार्णिक मैत्रा

आर्थर डी लिटिल के भारत और दक्षिण एशिया के सीईओ और प्रबंधन पार्टनर बार्णिक चित्रन मैत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ नए दृष्टिकोण के लिए एक अच्छी शुरुआत है। रिपोर्ट में सरकार और आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई, लेकिन अर्थव्यवस्था को हो रहे व्यापक नुकसान से बचाने के लिए और अधिक मुखर दृष्टिकोण की जरूरत बताई गई है। इसमें अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए 10 बिंदु कार्यक्रम भी सुझाव स्वरूप दिए गए हैं। इसमें छोटे और मध्यम कारोबार को बचाने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करने और ख़तरे वाले क्षेत्रों को लक्षित सहायता प्रदान करना आदि भी शामिल हैं।

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