देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कोरोना के मामलों और मौतों की संख्या काफी बढ़ गई है और कई राज्यों ने इसको देखते हुए अपने यहां कुछ समय के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया है। उधर, विश्व हिंदू परिषद यानि विहिप ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना काल में गरीब लोगों की मदद के बहाने कुछ ईसाई मिशनरी लोग उन्हें ईसाई बनाने का काम कर रहे हैं। संगठन का आरोप है कि ऐसे प्रयास पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में लगातार किये जा रहे हैं। इस समय धर्मांतरण के मामलों को देखते हुए विहिप ने इन राज्यों से ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
संगठन धर्मांतरण के विरुद्ध जन अभियान छेड़ने को मजबूर होगा
विश्व हिंदू के शीर्ष नेता डॉक्टर सुरेन्द्र जैन ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि कोरोना काल में देश के करोड़ों लोगों की आर्थिक स्थितियां विकट हुई हैं। लोग इनका मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। स्वयं विहिप अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से पूरे देश में जरूरतमंद लोगों की सूखा राशन, तैयार भोजन और इलाज संबंधी मदद कर रहा है। लेकिन इन्हीं परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए कई राज्यों में कुछ ईसाई संगठन गरीब लोगों को लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और इन राज्यों की सरकारों को इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगानी चाहिए। विहिप नेता जैन ने आगे कहा कि अगर राज्य सरकारें इस तरह धर्म परिवर्तन की घटनाओं को रोकने की कोई कोशिश नहीं करती हैं, तो संगठन यानि विश्व हिंदू परिषद इसके विरुद्ध जन अभियान छेड़ने के लिए मजबूर होगा। आपको बता दें कि देश के पिछले लंबे समय से कई राज्यों में गरीब लोगों को मदद के बहाने धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता रहा है। इसकी वजह से लाखों लोग धर्मांतरण कर चुके हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने वापस अपने धर्म में वापसी भी की है।
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