हल्दी के जूस का सेवन बचाता है कैंसर जैसी बीमारियों से, ऐसे बनाए जूस

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भारतीय हल्दी का इस्तेमाल आमतौर पर मसाले के ​रूप में करते हैं। जो सदियों से मसाले के साथ एक औषधि के रूप में इस्तेमाल होती है। सर्दियों के दिनों में कच्ची हल्दी सब्जीमंडी में खूब मिलती है। इसकी सब्जी और आचार बनाकर एवं जूस के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके प्रयोग से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसमें 300 से ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो सेहत को कई प्रकार से फायदे पहुंचाते हैं।

हल्दी रक्त को शुद्ध करने में भी सहायक है। साथ ही यह हमारे शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मददगार है। हल्दी का इस्तेमाल मसाले के अलावा इसे दूध में डालकर पीने से फायदा मिलता है। अगर इसका जूस बनाकर ​पीया जाए तो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।

ऐसे बनाए हल्दी का जूस

हल्दी का जूस बनाने के लिए कच्ची हल्दी लें। इसे अच्छे से धोकर, इनके छिलके उतार लें और छोटे टुकड़ों में काट लें। अब हल्दी को मिक्सर ग्राइंडर में अच्छी तरह से पीस लें। इसके जूस को छन्नी से छान लें व बाकी मिश्रण को फेंकें नहीं। इस जूस का इस्तेमाल के लिए एक चम्मच हल्दी के जूस को एक गिलास पानी में मिलाकर सेवन करें। स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें नींबू और नमक डाल सकते हैं।

हल्दी जूस के फायदे

इसमें करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो काफी फायदे वाला होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं। हल्दी कई रोगों को दूर करने में कारगर औषधि है।

हल्दी का जूस शरीर में होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन की समस्या को कम करने में मददगार है, इससे गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटॉइड आर्थराइटिस के दो सामान्य लक्षण हैं, में आराम मिलता है। इसका जूस इन रोगों में तेजी से असर दिखाता है।

कच्ची हल्दी में कैंसर से लड़ने के गुण भरपूर मात्रा में होते हैं। विशेषकर पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में यह सहायक होता है। इसके इस्तेमाल से हानिकारक रेडिएशन के संपर्क में आने से होने वाले ट्यूमर से भी बचा जा सकता है।

यह इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने में डायबिटीज में भी फायदेमंद है। यह जूस शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ाता है साथ ही मोटापे को कम करने में भी बहुत सहायक होता है।

इसका जूस अल्जाइमर्स रोग की समस्या में बेहद उपयोगी है। कच्ची हल्दी में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण ब्रेन इंफ्लेमेशन को कम करने का काम करते हैं।

कई शोध और स्टडी से यह साबित हुआ है कि हल्दी लीवर को भी स्वस्थ रखती है। इसलिए इसका जूस बहुत फायदेमंद है। सोराइसिस जैसे त्वचा संबंधी रोगों से बचाव के गुण होते हैं।

इसका जूस पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखने में सहायक है।

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