कांग्रेस ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद का निलंबन वापस ले लिया है। बता दें कि पिछले साल बिहार में यूपीए के उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार उतारने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। दरअसल, कांग्रेस के इस फैसले को बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बिहार में शकील अहमद बड़े चेहरे माने जाते हैं। शकील अहमद मधुबनी सीट से वे दो बार सांसद रह चुके हैं। मनमोहन सिंह की सरकार में वे राज्य मंत्री भी थे।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में शकील अहमद मधुबनी लोकसभा सीट से कांग्रेस का टिकट चाहते थे। मगर महागठबंधन में जब सीटों का बंटवारा हुआ तो ये सीट वीआईपी (मुकेश सहनी की पार्टी) के खाते में चली गई थी। वीआईपी ने इस सीट से बद्रीनाथ पूर्वे को अपना उम्मीदवार बनाया था।
टिकट नहीं मिलने के कारण शकील अहमद नाराज हो गए थे। इसके बाद उन्होंने अपना नामांकन पत्र दो सेटों में एक कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में और दूसरा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दाखिल किया था। बाद में जब कांग्रेस से बात नहीं बनी तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था।