कांग्रेस ने अपनी देर सवेर आई पहली सूची में भाजपा को बड़ी टेंशन दे दी है। टेंशन सिर्फ इतनी है कि कांग्रेस ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र टोंक से सचिन पायलट को मैदान में उतारा है इधर भाजपा के पास यहां से दो मुस्लिम अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
भाजपा के पास दो मुस्लिम दावेदार हैं एक युनूस खान जिन्हें भाजपा की दोनों सूचियों में जगह नहीं मिली है तो वहीं दूसरी ओर अमीन पठान जिनको टिकट देना भाजपा की मजबूरी भी है क्योंकि पठान का वर्चस्व इस इलाके में काफी ज्यादा है।
वसुंधरा के खास माने जाने वाले युनूस के लिए मुख्यमंत्री लगातार केंद्रीय चुनाव समिति के पास लॉबिंग कर रही हैं और युनूस भी लगातार जयपुर में सीएमआर के चक्कर लगा रहे हैं वहीं पठान को यदि टिकट नहीं दिया जाता तो उनके समर्थक हंगामा खड़ा कर सकते हैं।
वैसे कांग्रेस ने सचिन को टोंक सीट देने का फैसला काफी सोच समझ कर दिया है क्योंकि माना ये जा रहा है कि यहां चाहे मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा करें या गैर मुस्लिम उम्मीदवार वोटरों का रूख कांग्रेस की ही तरफ होगा दूसरी ओर भाजपा पर अल्पसंख्यक चेहरे को खड़ा करने का भी दबाव है क्योंकि उसकी दोनों सूचियों में एक भी अल्पसंख्यक चेहरा मौजूद नहीं है।
बात करें अल्पसंख्यकों मौका देने की तो कांग्रेस की पहली सूची में 9 मुस्लिम चेहरे शामिल है वहीं भाजपा ने अभी तक एक भी मुस्लिम कैंडिडेट खड़ा नहीं किया है। वसुंधरा, युनूस के लिए लगातार कोशिशें कर रहीं है और वो उन्हें टोंक से टिकट दिलवाने के लिए संघ और केंद्रीय चुनाव समिति से भी अड़ जाने को तैयार है। युवा चेहरा अमीन पठान को भाजपा नजरअंदाज नहीं कर सकती है क्योंकि उनके अपने समर्थकों की भी काफी बड़ी संख्या है।
दूर दूर तक नहीं था सचिन को टोंक से लड़वाने का प्लान
पायलट के चुनाव लड़ने को मीडिया में काफी खबरें आई कि वो भीलवाड़ा, अलवर, अजमेर या भरतपुर से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन इन अटकलों पर विराम चिन्ह लगा और पायलट को एक ऐसी सीट मिली जिसके बारे में किसी ने दूर—दूर तक नहीं सोचा होगा। पायलट को टोंक से लड़वाकर कांग्रेस यहां बीजेपी को बुरी तरह धराशायी करना चाहती है क्योंकि टोंक काफी पहले से कांग्रेस का गढ़ भी रहा है।