पुडुचेरी में गिरी कांग्रेस की सरकार, एलजी ने नारायणसामी का इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजा

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Puducherry-News-Hindi

दक्षिण भारत के इकलौते केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में सत्ता पर आसीन कांग्रेस सरकार आखिरकार सोमवार को गिर गई। राज्य में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद नारायणसामी की सरकार अल्पमत में आ गई थी। दरअसल, कांग्रेस-डीएमके के गठबंधन वाली सरकार विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाई। इसके बाद मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने राज निवास जाकर उपराज्यपाल तमिलसाईं सुंदरराजन को अपना और अपने मंत्रियों का इस्तीफा सौंप दिया। बता दें, इससे पहले राज्य की उपराज्यपाल टी. सुंदरराजन ने उन्हें शाम पांच बजे तक बहुमत साबित करने के लिए कहा था।

विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया

जानकारी के अनुसार, पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलसाईं सुंदरराजन ने राज्य के सीएम वी. नारायणसामी का इस्तीफा राष्ट्रपति कोविंद के पास भेज दिया है। एलजी ने राष्ट्रपति को इस्तीफा मेल के जरिए भेजा। वहीं, असेंबली स्पीकर ने घोषणा की है कि विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाता है। अब यह देखना होगा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है या विपक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करता है।

2016 में कांग्रेस बनाई थी गठबंधन सरकार

पुडुचेरी में साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 15 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद पार्टी ने डीएमके और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाईं। करीब पांच साल में कांग्रेस से एक-एक करके कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया, जिससे पार्टी का सियासी समीकरण बिगड़ गया। हाल में रविवार को ही कांग्रेस और डीएमके के एक-एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई थी। आपको बता दें कि राज्य में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 14 है।

राज्य में अप्रैल-मई में होने हैं विधानसभा चुनाव

गौरतलब है कि पुडुचेरी की विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 33 हैं। इसमें 30 सदस्य निर्वाचित, जबकि तीन नामित सदस्य होते हैं। कांग्रेस के पांच और डीएमके के एक सदस्य ने इस्तीफा दे दिया था, जबकि एक सदस्य को अयोग्य ठहरा दिया गया था। इसके बाद विधानसभा में सदस्यों की संख्या 26 हो गई थी। इसमें से कांग्रेस-डीएमके गठबंधन सरकार के पास 11 और विपक्ष के पास 14 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में विपक्ष के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत है। हालांकि, अब यह देखना होगा कि विपक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करती है या नहीं। बता दें कि राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर विपक्ष सरकार नहीं बनाती है तो यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

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