उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अपने रिटायरमेंट से पहले वे चार और महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुना सकते हैं। इनमें राजनीतिक रूप से संवेदनशील राफ़ेल लड़ाकू विमान डील से जुड़ा मामला भी शामिल है। हाल में शनिवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने दशकों पुराने अयोध्या ज़मीन विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अयोध्या ज़मीन मामले में रामलला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए, वहां मंदिर बनाने और संचालन करने के लिए एक ट्रस्ट गठित करने के लिए केन्द्र सरकार को 3 महीने का समय दिया।
राफेल डील पर भी फैसला सुनाएंगे गोगोई
फ्रांसिसी विमान राफेल खरीद की जांच कराने की मांग वाली समीक्षा याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय ने मई माह में ही सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, कोर्ट ने राफेल मामले पर अभी तक अपना फैसला नहीं सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अगले कुछ ही दिन में रिटायर हो रहे हैं। अब उनके कार्यकाल में तीन दिन (13 से 15 नवंबर) ही कामकाज के लिए बचे हैं, क्योंकि सोमवार, मंगलवार और शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का हॉलीडे रहेगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि चीफ जस्टिस गागोई जाने से पहले राफेल डील पर फैसला सुना देंगे। उनके रिटायरमेंट के बाद 18 नवंबर को जस्टिस एसए बोबडे देश के नए चीफ जस्टिस पद की शपथ लेंगे।
इन 3 मामलों में भी फैसला सुना सकते हैं चीफ जस्टिस
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई राफेल खरीद मामले के अलावा भी तीन अहम फैसले सुना सकते हैं। इनमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ख़िलाफ़ बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा दायर अवमानना मामला शामिल है। इसके अलावा चीफ जस्टिस का कार्यालय सूचना का अधिकार अधिनियम यानि आरटीआई के दायरे में आता है या नहीं, इस मामले में भी फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
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चीफ जस्टिस गोगोई अपनी सेवानिवृति से पहले सबरीमाला अयप्पा मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने के फैसले के ख़िलाफ़ समीक्षा याचिकाओं पर फैसला सुना सकते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सीजे गोगोई जाते-जाते इन मामले में फैसला सुनाएंगे या नहीं? अगर इन मामले में फैसला नहीं आता है तो अगले चीफ जस्टिस एसए बोबडे इन पर फैसला सुनाएंगे।