भारतीय सिविल सेवा अधिकारियों के पेशेवर रवैये में समय के साथ अब बदलाव की ज़रूरत महसूस की गई है। दरअसल, संसद की एक समिति ने सिविल सेवा अधिकारियों में सेवा आधारित नया पेशेवर रवैये को अपनाने पर बल दिया है। समिति ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी (LBSNAA) को सुझाव दिया है कि वह सिविल सेवा अधिकारियों में सेवा आधारित नया पेशेवर रवैया पैदा करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव लाए, जिससे सिविल सेवा अधिकारी बेहतर ढंग से लोगों की सेवा कर पाएं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि एलबीएसएनएए, मसूरी सिविल सेवाओं के प्रशिक्षण के लिए देश का एक महत्वपूर्ण संस्थान है।
सरकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने में पेशेवर होने की ज़रूरत
सिविल सेवा अधिकारियों के पेशेवर रवैये में सुधार की ज़रूरत को लेकर गठित की गई समिति के अनुसार, सिविल सेवा के प्रशिक्षण में व्यवहारिक पक्ष पर जोर दिया जाना चाहिए। क्योंकि लोकहित में चलाई जा रही सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने और लाभार्थियों तक उसका समुचित लाभ पहुंचाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों को सेवा आधारित नया पेशेवर रवैया अपनाना होगा। इससे जमीनी स्तर पर सुधार होगा और लोगों के जीवन में बदलाव आएगा। समिति की इस नई रिपोर्ट में दिए गए सुझावों के आधार पर लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी जल्द ही अपने प्रशिक्षण में बदलाव के लिए जरूरी कदम उठा सकती है।
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