केरल में चर्च ने पांच से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर आर्थिक मदद का किया ऐलान

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भारत में लंबे समय से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कठोर कानून बनाने की मांग उठती रही है। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ केरल जैसे राज्य में चर्च ने अधिक बच्चे वाले ईसाई परिवारों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। चर्च की
घोषणा के अनुसार, इसके तहत पांच या अधिक बच्चाें वाले परिवार को हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे। यह सुविधा साल 2000 के बाद शादी करने वाले जोड़ाें को मिलेगी। इस योजना का मकसद ईसाई समुदाय को आबादी बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है। वैसे, इसका तात्कालिक लक्ष्य कोरोना से प्रभावित परिवारों को मदद पहुंचाना बताया जा रहा है।

अगस्त से शुरू की जा सकती है आर्थिक मदद

केरल राज्य स्थित सिरो-मालाबार कैथोलिक गिरजाघर के पाला डायोसिस के फैमिली अपोस्टोलेट के अनुसार, ‘ईयर ऑफ द फैमिली सेलिब्रेशन’ के तहत बीते सोमवार को बिशप जोसेफ कलरंगट की ऑनलाइन बैठक में यह घोषणा हुई। फैमिली अपोस्टोलेट के फादर कुट्टियानकल ने बताया कि आर्थिक मदद अगस्त से शुरू की जा सकती है। जब उनसे पूछा गया कि क्या यह योजना साल 2019 में चांगानाचेरी आर्चडायोसिस द्वारा जारी पत्र के तहत चलाई जा रही है? तो उन्होंने कहा कि पत्र में उठाया गया मामला आज की सच्चाई है। बता दें कि उस पत्र में कहा गया था कि केरल में ईसाई समुदाय की आबादी तेजी से घट रही है।

केरल में दूसरे से तीसरे नंबर पर पहुंची ईसाई आबादी

मालूम हो कि वर्ष 2019 में जोसेफ पेरूंथोत्तम द्वारा लिखे पत्र में बताया गया था कि एक समय केरल में ईसाई राज्य की दूसरी सबसे बड़ी आबादी था। अब यह तीसरे स्थान पर है। यहां क्रिश्चियन आबादी घटकर 18.38 फीसदी रह गई है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार, केरल में 54.37 प्रतिशत आबादी हिंदू और 26.56 फीसदी आबादी मुस्लिम हैं। जो क्रमश: पहले और दूसरे नंबर पर हैं। वहीं, ईसाई राज्य में आबादी के हिसाब से तीसरे नंबर पर है। जबकि 0.33 प्रतिशत लोग राज्य में ऐसे हैं जो या तो किसी दूसरे धर्म को मानते हैं या उनका कोई धर्म नहीं है।

चौथे बच्चे के जन्म के बाद मिलेगी ये सुविधाएं

जानकारी के अनुसार, केरल के चर्च ने चौथे बच्चे के जन्म पर मुफ्त इलाज व चौथे या उससे ज्यादा बच्चाें को जन्म देने वाली ईसाई समुदाय की महिलाओं को चर्च के अधीन चलने वाले अस्पतालों में प्रसूति देखभाल निशुल्क करने की घोषणा की गई है। ऐसे बच्चों को यह चर्च अपने इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रवृत्ति भी देने का भी काम करेगा।

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