खुद का ऑनलाइन नाम “गैरी तोमर” बताने वाला यह एक शख्स भारतीय होने के गर्व के साथ 15 सेकंड की एक टिक टॉक क्लिप में बोलता है “मोदी ने अकेले ही सबको रौंद दिया…मोदी एक तूफ़ान है, अब मोदी जी के बारे में तो आप सब जानते ही हैं लेकिन हम बात कर रहे हैं चाइना की मोबाइल वीडियो एप्लीकेशन TikTok की, जिसने चुनावों से पहले भारत के छोटे शहरों और गांवों तक एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के रूप में अपनी जड़ें बना ली है।
बीजिंग बायेडेंस टेक्नॉलॉजी कंपनी की तरफ से बनाई गई दुनिया के सबसे महंगे स्टार्ट-अप्स में से एक, जिसकी कीमत 75 बिलियन डॉलर से अधिक है, टिक टॉक यूजर्स को कई तरह के स्पेशल इफेक्ट के साथ कुछ सैकेंड्स के वीडियो बनाने और उन्हें शेयर करने की सुविधा देता है। यह भारत के ग्रामीण इलाकों में बेहद लोकप्रिय हो रहा है जहां देश के करीब 1.3 बिलियन लोग रहते हैं।
फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का इस्तेमाल चुनाव से पहले नेता प्रचार के लिए आजकल बड़े पैमाने पर करते हैं। फेसबुक के 300 मिलियन यूजर्स, व्हाट्सएप के 200 मिलियन यूजर्स ने भारत को दुनिया में सबसे बड़ा बाजार बना दिया है, वहीं ट्विटर के भी लाखों यूजर्स हैं।
ऐप एनालिटिक्स फर्म सेंसर टॉवर के मुताबिक, टिक टॉक भारत में तेजी से अपनी पकड़ बना रहा है, इसे भारत में अब तक 240 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। पिछले महीने टिक टॉक पर भारत में 30 मिलियन यूजर्स नए जुड़े जो कि जनवरी 2018 की तुलना में 12 गुना अधिक थे।
शहरी इलाकों में टिक टॉक के बारे में इतना नहीं सुना जाता है या जो जानते हैं वो इसे घटिया सामग्री वाला एक प्लेटफॉर्म मानते हैं। नई दिल्ली के एक टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट ने 9 महीने तक टिकटॉक को ट्रैक करने के बाद पाया कि एप्प पर राजनीतिक भाषणों के खास हिस्से को शेय़र किया जाता है।
वहीं टिक टॉक वीडियो इंटरफ़ेस फेसबुक या ट्विटर जैसे प्लेटफार्मों की तुलना में काफी आसान है इसलिए ही ग्रामीण भारत में यह इन दिनों एक बड़ा आकर्षण है।
पॉलिटिक्स, चुनाव और टिक टॉक
हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने अभी तक टिक टॉक जॉइन नहीं किया है लेकिन #narendramodi टैग से शेयर किए जाने वाले वीडियो को 30 मिलियन से अधिक बार देखा गया है जबकि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी वाले वीडियो को 13 मिलियन तक हिट मिले हैं।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का इस बारे में कहना है कि हमारी पार्टी टिक टॉक वीडियोज पर नज़र रख रही है लेकिन फिलहाल हमारी इस प्लेटफॉर्म को जॉइन करने का कोई प्लान नहीं है।
वहीं कांग्रेस के अंदरूनी लोगों का कहना है कि कांग्रेस टिक टॉक जॉइन करने के बारे में सोच रही है जिससे चुनाव के लिए ग्रामीण इलाकों में लोगों तक बेहतर पहुंच बनाई जा सके।
हालांकि टिक टॉक पर शेयर किए जाने वाले सभी वीडियो वोट नहीं मांगते हैं। कुछ वीडियो में लोगों को भारतीय सड़कों पर कांग्रेस का झंडा लहराते हुए दिखाया गया है तो किसी क्लिप में मोदी और जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल को एक मंच पर दिखाया गया, जिसमें वो कहती हैं कि वह भारतीय नेता से ही शादी करेंगी।
वहीं टिक टॉक पर भारतीय फिल्मों डायलॉग, डांस, गाने के वीडियो की भरमार है। #बॉलीवुड टैग किए गए वीडियो में कई बिलियन व्यू आते हैं। हालांकि, टिक टॉक को कुछ महीनों से विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।
दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एम. मणिकंदन ने कहा कि वह सरकार से इस ऐप को बैन करने का आवेदन करेंगे क्योंकि इसमें कुछ सामग्री “बहुत असहनीय” है। मंत्री ने आगे कहा कि वीडियो में नेताओं की लोग बहुत बुरी तरह से नकल करते हैं, जो कि गलत है। इसके अलावा बीजेपी के करीबी एक हिंदू राष्ट्रवादी समूह ने भी TikTok पर बैन लगानेक की बात कही है।
इसमें टिक टॉक का कहना है कि वह सभी भारतीय कानूनों का पालन करता है और एक सुरक्षित और सकारात्मक ऐप एनवायरमेंट को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है।