चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ होने वाले अत्याचार से पूरी दुनिया वाकिफ़ हैं। हालांकि, ये बात अलग है कि चीनी सरकार इन आरोपों को हमेशा से ही झुठलाती रही है। दुनिया के कई देशों द्वारा चीन के खिलाफ शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर समुदाय के मुस्लिमों पर बल प्रयोग को लेकर नाराजगी जताने के बीच मीडिया ने एक बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, क्योदो न्यूज ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीनी अधिकारियों ने शिनजियांग प्रांत की सबसे बड़ी मस्जिद के पूर्व इमाम को साल 2017 में उग्रवाद फैलाने का आरोप लगाकर बंदी बनाया गया था और उसे सजा भी सुनाई गई।
उग्रवाद फैलाने के आरोप में पूर्व इमाम से किया गलत व्यवहार
क्योदो न्यूज की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन ने किस हद तक शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को प्रताड़ित किया है। क्योदो न्यूज ने कहा है कि काह मस्जिद के पूर्व इमाम को 15 वर्ष की सजा सुनाई गई है। इस प्रांत के दूसरे धार्मिक नेताओं को भी बंदी बनाया गया है। हालांकि, काह मस्जिद के मौजूदा इमाम ने मुस्लिमों के धार्मिक उत्पीड़न से जुड़ी खबरों का खंडन किया है।
बता दें कि अमेरिका समेत पश्चिमी देश चीन पर लगातार उइगर मुस्लिमों के विरुद्ध नरसंहार के आरोप लगाते रहे हैं। इस रिपोर्ट में यहां तक बताया गया कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में रहने वाले लाखों उइगर मुस्लिमों को हिरासत में लिया है और अन्य अल्पसंख्यकों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। मालूम हो अमेरिका के बाद कनाडा और यूरोप ने भी चीन की इन कार्रवाईयों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए हैं, जबकि ब्रिटेन ने इस मुद्दे पर चीन की आलोचना की है।
उइगर मुस्लिमों का अस्तित्व खत्म करके ही मानेगा चीन
जानकारी के अनुसार, चीन सुनियोजित तरीके से शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के अस्तित्व को खत्म करने की योजना पर काम कर रहा है। क्योदो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन द्वारा यहां पर अब मुस्लिमों की ऐसी जमात तैयार की जा रही है, जिनकी विचारधारा पूरी तरह कम्युनिस्ट पार्टी की हो। उन्हीं के माध्यम से चीन अपनी छवि भी साफ करने का प्रयास कर रहा है। इसी के तहत पूर्व इमाम को चीन ने पहले अपने तरीके से चलाने की कोशिश की थी, लेकिन जब वे नहीं माने तो उन्हें कट्टरपंथ फैलाने के आरोप में वर्ष 2017 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
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