भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए मोदी सरकार ने बुधवार शाम को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। इसी बीच सीमा पर चीनी सेना द्वारा लाउडस्पीकर से प्रोपोगेंडा फैलाए जाने की ख़बर भी सामने आ रही है। ताज़ा जानकारी के मुताबिक, चीन की पीएलए ने फिंगर चार पर लाउडस्पीकर लगाए हैं। ड्रैगन की सेना द्वारा लाउडस्पीकर के जरिए भ्रम फैलाने वाले संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही चीनी सेना द्वारा एलएसी पर पंजाबी गाने भी बजाए जा रहे हैं।
चीन द्वारा भारतीय सेना को भड़काने की कोशिश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 29-30 अगस्त को पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना ने रेजांग ला और रेचिन ला में चीन की पीएलए को करारी शिकस्त दी तो उसके सैनिक टैंक और बख्तरबंद सैन्य वाहन लेकर आ गए। चीन की सेना को उम्मीद थी कि भारतीय सेना यहां से पीछे हट जाएगी, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ। भारतीय सेना पहले से ही डटकर सामना करने के लिए तैयार थी। इस स्थिति में खुद को नाकाम देखते हुए चीन ने पैंगोंग झील के फिंगर चार पर पंजाबी गाने बजाना शुरू कर दिया, जिससे की भारतीय सेना का ध्यान भटकाया जा सके।
चीन 1962 में भी कर चुका है ऐसी नापाक हरकत
वहीं, चुशुल में चीन की पीएलए के मोल्डो सैन्य ठिकाने पर लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। लाउडस्पीकर के जरिए चीनी आर्मी भारतीय सेना को भड़काने की पूरी कोशिश कर रही है। उधर, पैंगोंग त्सो पर चीनी सेना लाउडस्पीकर लगाकर भारतीय सेना को केंद्र सरकार के प्रति भड़का रही है। जब सीमा पर चीन को मुंह की खानी पड़ी तो वह किसी भी तरह भारतीय सैनिकों का मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रहा है।
Read More: संयुक्त राष्ट्र में चीन को हराकर सीएसडब्ल्यू का सदस्यता बना भारत
भारतीय सैनिकों को भड़काने के लिए चीन किसी भी तकनीक का सहारा ले सकता है, जैसा कि उसने वर्ष 1962 में हुए युद्ध में किया था। बताया जाता है कि चीन ने सन् बासठ के युद्ध में भी शुरुआत में लाउडस्पीकर तकनीक का इस्तेमाल किया था।