चंद्रबाबू नायडू ने एक दिन उपवास के लिए सरकारी खजाने से 11 करोड़ रूपये उड़ा दिए !

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तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू इन दिनों महागठबंधन का खाका बुनने में लगे हुए हैं, वहीं इसी बीच वो एक और विवाद में फंस गए हैं। सीधा मुद्दे पर आते हैं दरअसल बीती 11 फरवरी को मोदी सरकार के विरोध में नायडू दिल्ली पहुंचे और ‘धर्म पोरत दीक्षा’ नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें नायडू उपवास पर बैठे। इस उपवास में अन्य कई नेता लोग भी शामिल हुए।

यहां तक तो सब सही था, पर अब सामने आया है कि नायडू सरकार ने इस एक दिन के उपवास के लिए जिसमें वो 12 घंटे वहां बैठे और सरकारी खजाने से 11 करोड़ रूपये उड़ा दिए।

मामला क्या था ?

नायडू की टीडीपी काफी लंबे समय से आंध्र प्रदेश को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा देने की मांग कर रही है जिसके पूरा ना होने पर चंद्रबाबू नायडू ने उपवास रखा था।

नायडू ने कहां उड़ाए करोड़ों ?

नायडू ने इस तरह खर्च किए करोड़ों रूपये जिसमें शामिल है-

– 1.12 करोड़ रुपए 2 स्पेशल ट्रेनों को बुक कराने में जिनमें 20 बोगियों में बिठाकर कई अन्य पार्टियों के नेताओं, संस्थाओं, एनजीओ के लोगों को लाया गया।

– दिल्ली के होटलों में 1100 कमरे बुक करवाए गए जहां कुछ आम और वीआईपी मेहमानों को रुकवाया गया और खाने का इंतजाम भी किया गया।

– वहीं नायडू ने 10 करोड़ के खर्चे के लिए एक और ऑर्डर निकाला जिसमें एक दिन के विरोध में होने वाले खर्चों का ब्यौरा दिया गया है।

गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश के विभाजन होने के बाद से ही इस राज्य को पिछड़ा और आर्थिक रूप से कमजोर होना बताया जा रहा है। इसे विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए नायडू सरकार काफी समय से केंद्र पर दबाव डाल रही है लेकिन इसके बावजूद ऐसे विरोध प्रदर्शन पर सरकारी खजाने से करोड़ों रूपये बहाए जाते हैं, यह अपने आप में कितना विरोधाभासी है इसका अंदाजा आप खुद लगाइए।

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