केंद्र सरकार ने फिल्मी क्षेत्रों के विकास के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने फिल्म्स डिवीजन, फिल्म समारोह निदेशालय, भारत के राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार और चिल्ड्रन्स फिल्म सोसाइटी को मिलाकर एक संस्था राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम बनाने की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट में लिए गए इस फैसले के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी। हालांकि उन्होंने कहा कि सभी संस्थाएं पहले की तरह काम करती रहेंगी।
भारतीय फिल्म जगत को इससे होगा लाभ
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फिल्म डिवीजन, फिल्म समारोह निदेशालय, भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार और बाल फिल्म सोसायटी तथा राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) के विलय को मंजूरी दी है। इससे फिल्म जगत को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके तहत बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन और अन्य संसाधनों को युक्तिसंगत बनाने के उद्देश्य से इन फिल्म मीडिया इकाइयों के विलय को मंजूरी दी गई है।
विलय से कार्यों और साधनों में एकरूपता आएगी
इसके साथ ही फिल्म मीडिया इकाइयों के एक निगम के अंतर्गत विलय से कार्यों और साधनों में एकरूपता आएगी तथा बेहतर समन्वय स्थापित होगा। इससे प्रत्येक मीडिया इकाई द्वारा आदेश पत्र हासिल करने में एकरूपता और कुशलता सुनिश्चित हो सकेगी। मंत्रालय ने कहा कि एकरूपता का कार्य करते समय सभी संबद्ध मीडिया इकाइयों के कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी और किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। प्रमुख संगठन फिल्म मीडिया इकाइयों के विलय के परिणामस्वरूप एनएफडीसी को एक प्रबंधन के अंतर्गत फिल्म की विषयवस्तु के प्रचार निर्माण और उसे सुरक्षित रखने के संबंध में अलग ढंग से रखा जाएगा।