कोरोना के नए वेरिएंट को ‘भारतीय’ कहने पर केंद्र सरकार ने जताया ऐतराज, कहा- WHO ने नहीं दिया कोई नाम

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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट को ‘भारतीय’ कहने वाली मीडिया रिपोर्टों पर केंद्र सरकार ने कड़ा ऐतराज जताया है। सरकार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ ने भी यह नाम नहीं दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि डब्लूएचओ ने कहा है कि दुनिया के 44 देशों में कोरोना का ‘भारतीय वेरिएंट’ मिला है। केंद्र सरकार ने भारतीय स्वरूप नाम दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वेरिएंट का ‘भारतीय वेरिएंट’ के रूप में कोई भी जिक्र नहीं किया है।

WHO ने नए वेरिएंट को एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया: केंद्र

केंद्र सरकार ने आगे कहा कि डब्ल्यूएचओ ने भारत में मिले कोरोना वायरस के नए रूप B.1.617 को वैश्विक चिंता के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है। लेकिन मीडिया रिपोर्टों में इसे ‘भारतीय वेरिएंट’ कहा जा रहा है। यह पूरी तरह से गलत है और बिना किसी आधार के है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि देश में अभी कोरोना वायरस के जिस रूप का कहर नजर आ रहा है, वह कोविड का चौथा प्रकार माना जाता है। इस वेरिएंट से पहले ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के अलग-अलग वेरिएंट मिल चुके हैं।

डबल म्यूटेंट स्ट्रेन ‘भारतीय वेरिएंट’ के रूप में चिन्हित नहीं

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने दस्तावेज में डबल म्यूटेंट स्ट्रेन यानि कोरोना वायरस के B.1.617 रूप को ‘भारतीय वेरिएंट’ के रूप में चिन्हित नहीं किया है। गौरतलब है कि डबल म्यूटेंट वायरस का पता पहली बार 5 अक्टूबर, 2020 को चला था। हालांकि, उस वक्त भारत में इसका इतना व्यापक असर नहीं था, जो अभी दिखाई दे रहा है। देश में कोरोना के रोजाना 3 लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं।

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