सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के शिकायत अधिकारियों के फैसलों के खिलाफ लोगों द्वारा दायर अपीलों पर गौर करने के लिए केंद्र ने एक शिकायत अपील समिति का गठन करने की योजना बनाई है। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) में संशोधन के लिए अधिसूचना के अनुसार पैनल को अपील प्राप्त करने के 30 दिनों के भीतर निपटान करना होगा और इसका निर्णय मध्यस्थों या संबंधित बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों पर बाध्यकारी होगा। संबंधित कम्युनिटी गाइडलाइंस के कथित उल्लंघन के लिए ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा मशहूर हस्तियों सहित अन्य यूजर्स के खातों को ब्लॉक करने की पृष्ठभूमि में यह प्रस्तावित कदम खासा महत्व रखता है।
30 दिनों के भीतर करना होगा निपटारा
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार एक या अधिक शिकायत अपील समितियों का गठन करेगी, जिसमें एक अध्यक्ष और ऐसे अन्य सदस्य शामिल होंगे। पीड़ित व्यक्ति आदेश प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर समिति के समक्ष संबंधित शिकायत अधिकारी के निर्णय के खिलाफ अपील कर सकता है। मसौदा अधिसूचना में कहा गया है कि शिकायत अपील समिति ऐसी अपील से शीघ्रता से निपटेगी और अपील प्राप्त होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपील को अंतिम रूप से निपटाने का प्रयास करेगी। शिकायत अपील समिति द्वारा पारित हर आदेश का अनुपालन संबंधित द्वारा किया जाएगा।
26 मई, 2021 से लागू हुए थे नियम
सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नियम 26 मई, 2021 से लागू हुए थे। इसने फेसबुक और ट्विटर जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अनिवार्य रूप से सूचना के पहले क्रिएटर की पहचान करने में सक्षम बनाया, जो भारत की संप्रभुता, राज्य की सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करता है। नियमों के तहत महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनियों जिनके 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं उन्हें एक शिकायत अधिकारी, एक नोडल अधिकारी और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना आवश्यक है। इन कर्मियों को भारत का निवासी होना चाहिए। मंत्रालय ने 22 जून तक मसौदा अधिसूचना पर टिप्पणी मांगी है। पिछले साल मई में नियमों के लागू होने के बाद से फेसबुक सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मासिक अनुपालन रिपोर्ट के साथ सामने आ रहे हैं।
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