भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सीजेआई रंजन गोगोई को केंद्र सरकार द्वारा जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। उन्हें सुरक्षा का यह घेरा पूरे देश में दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानि सीआरपीएफ को रंजन गोगोई को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी दी है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला सुनाने से पहले भी तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश गोगोई को जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। राज्यसभा सदस्य गोगोई को पहले दिल्ली पुलिस सुरक्षा मुहैया करा रही थी।
नवंबर 2019 में प्रधान न्यायाधीश के पद से हुए सेवानिवृत्त
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई नवंबर, 2019 में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए और बाद में सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया। उल्लेखनीय है कि सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा ईकाई है और गोगोई 63वें ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें बल द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 8 से 12 कमांडो का सशस्त्र सचल दस्ता यात्रा के दौरान पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की सुरक्षा करेगा। उनके घर पर भी ऐसी ही दस्ता सुरक्षा में तैनात रहेगा।
जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा क्या होती है?
जानकारी के लिए बता दें, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा के बाद जेड प्लस भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। हर कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध करने की कला में माहिर होता है।
सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो के पास एमपी 5 मशीनगन के साथ आधुनिक संचार उपकरण भी होता है। इसके अलावा इनके काफिले में एक जैमर गाड़ी भी होती है, जो मोबाइल सिग्नल जाम करने का काम करती है। गौरतलब है कि भारत में कुछ ही वीआईपी लोगों को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।
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