केन्द्रीय कैबिनेट ने नई नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी को दी मंजूरी, 1 करोड़ लोगों को मिलेगी नौकरी!

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भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के बदलते स्वरूप को और अधिक मज़बूत करने और ग्लोबल स्तर पर ले जाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने नई नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 2025 तक 400 अरब डॉलर के उत्पादन स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। नई पॉलिसी में 26 लाख करोड़ रुपए का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग ईकोसिस्टम तैयार किया जाएगा। केन्द्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी देते हुए 5 साल में 1 करोड़ लोगों को नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है। नई पॉलिसी में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने के लिए कई नई योजनाओं का प्रावधान भी किया गया है।

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पीएम मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एनईपी को दी स्वीकृति

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी यानी एनईपी 2019 को स्वीकृति दे दी गई है। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने के लिए पॉलिसी में चार नई स्कीम शुरू करने का प्रस्ताव भी किया गया है। इनमें इकाई स्थापित करने के लिए इंट्रेस्ट सबवेन्शन स्कीम, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर्स 2.0, स्कीम सॉवरेन पेटेंट फंड और क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना के प्रस्ताव को शामिल किया गया है।

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कैबिनेट की बैठक के बाद केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि सरकार चाहती है कि घरेलू उत्पादकों को ब्याज में छूट और क्रेडिट गारंटी देकर उनका आर्थिक भार कम किया जाए। उन्होंने बताया कि नई पॉलिसी में इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में पेटेंट को बढ़ावा देने के लिए अलग से फंड बनाने का प्रस्ताव भी शामिल किेया गया है।

2025 तक 60 करोड़ हैंडसेट एक्सपोर्ट करने का लक्ष्य

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2012 की इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी को पूरी तरह संशोधित कर नई नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी-2019 बनाई गई है। इसके तहत सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक 13 लाख करोड़ रुपए की वैल्यू के 100 करोड़ मोबाइल हैंडसेट बनाए जाएं। इनमें से 60 करोड़ हैंडसेट एक्सपोर्ट करने का लक्ष्य रखा गया है। इनकी वैल्यू करीब 7 लाख करोड़ रुपए होगी। प्रसाद ने बताया कि 2014-15 में देश में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन ग्रोथ 5.5 फीसदी थी। यह 2017-18 में बढ़कर 26.7 प्रतिशत तक पहुंच गई है। सरकार अब इसे जल्द ही 33 फीसदी तक पहुंचाना चाहती है। इसलिए नई पॉलिसी लागू की गई है।

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2014 के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में आई तेजी

केन्द्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि 2014 के बाद देश के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में उछाल आया है। उन्होंने कहा कि 2014-15 में उत्पादन का स्तर 190366 करोड़ रुपए था जो 2017-18 में बढ़कर 387525 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। मंत्री प्रसाद ने बताया कि आज भारत मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग के मामले में दुनिया का दूसरा देश बन गया है। पिछली नीति साल 2012 में उस वक्त बनी थी जब देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग का आधार ज्यादा नहीं था। लेकिन 2019 में स्थिति बिल्कुल बदल चुकी है। देश में मांग बढ़ने के साथ ही निर्यात की संभावनाएं भी काफी मज़बूत हुई है। इसको देखते हुए ही सरकार ने नई नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी-2019 बनाई है।

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