सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने वापस उनके पद पर बहाल कर दिया है। इसी के साथ छुट्टी पर भेजने वाले मोदी सरकार के फैसले को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। फिलहाल आलोक वर्मा कोई बड़ा फैसला नहीं ले पाएंगे। फैसला सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दिया जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल और के एम जोसफ शामिल थे।
क्या था मामला
सीबीआई के दो बड़े अधिकारी चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच अनबन चल रही थी। इसी के चलते वे सार्वजनिक तौर पर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे थे। इसी लिए सरकार ने रातों रात दोनों को छुट्टी पर भेज दिया। सरकार के इसी फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा ने कोर्ट का सहारा लिया था। ‘कॉमन कॉज़’ NGO ने भी सरकार के इस फैसले को चुनौती दी थी। इसी पर अब ये फैसला सामने आया है।
SC ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो सरकार को ऐसा करने की इजाजत देता है जिसमें किसी भी अन्य सहमति के बिना सीबीआई के उच्च पद को ऐसे हटाया जाए।
हालाँकि, CJI अदालत में उपस्थित नहीं हुए और जस्टिस एस के कौल और के एम जोसेफ द्वारा फैसला सुनाया गया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर प्रवर समिति की बैठक बुलाई जाएगी।
शीर्ष अदालत ने एजेंसी के अंतरिम प्रमुख के रूप में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एम नागेश्वर राव, जो संयुक्त निदेशक थे, को नियुक्त करने के केंद्र के फैसले को भी अलग रखा।
इन सबसे एक बात साफ हो जाती है CBI सरकार के हाथों की कठपुतली नहीं हो सकती। सरकार हवा में फैसले नहीं ले सकती। उसे नियमों और प्रक्रिया के मुताबिक ही चलना होगा।