सीबीआई ने नकद लेन-देन और विदेशी चंदा के मामले में तब्लीगी जमात पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दरअसल, सीबीआई ने कथित तौर पर संदिग्ध नकद लेन-देन करने और विदेशी चंदा प्राप्त करने की बात अधिकारियों से छिपाने को लेकर तब्लीगी जमात के आयोजकों के ख़िलाफ़ एक प्रारंभिक जांच दर्जऋ की है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने जांच में किसी खास व्यक्ति को नामजद नहीं किया है। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निज़ामुद्दीन क्षेत्र में स्थित मरकज़ में हुई बड़ी लापरवाही के बाद तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद ने खुद को छुपा लिया था।
अवैध व अनुचित तरीकों से नकद लेन-देन पर शिकात दर्ज़
अधिकारियों ने बताया कि यह जांच एक शिकायत पर दर्ज़ की गई, जिसमें कहा गया है कि तब्लीगी जमात के आयोजक अवैध व अनुचित तरीकों से संदिग्ध नकद लेन-देन में संलिप्त हैं। उन्होंने बताया कि यह भी आरोप लगाया गया है कि आयोजकों ने विदेशी चंदा प्राप्त करने की बात का खुलासा अधिकारियों के समक्ष नहीं किया, जबकि इस तरह के उद्देश्य के लिए विदेशी चंदा (नियमन) अधिनियम के तहत जानकारी दी जानी चाहिए थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक प्रारंभिक जांच दर्ज़ करने के बाद तब्लीगी जमात के वित्तीय लेन-देन की जांच शुरू कर दी है। दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मार्च के प्रथम और दूसरे सप्ताह में तब्लीगी जमात के एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने वाले इसके कई मेंबर्स के कोरोना पॉजिटिव होने की खबरें मीडिया में सुर्खियों में रही थी।
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अधिकारियों ने बताया कि किसी मामले में प्राथमिकी दर्ज़ कर उसकी विस्तृत जांच पर आगे बढ़ने के लिए प्रथम दृष्टया सामग्री है या नहीं, उस बारे में फैसला करने के लिए प्रारंभिक जांच शुरुआती कदम है। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने दिल्ली पुलिस सहित विभिन्न प्राधिकारों से तब्लीगी जमात के पुराने रिकार्ड जुटाना शुरू कर दिया है और इस बारे में पत्र भी भेजे हैं। बता दें, तब्लीगी जमात मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोग कोरोना पॉजिटिव गए। ये लोग दिल्ली से बिना जांच के अपने राज्यों में पहुंच गए थे, बाद में उनके संपर्क में आने वाले हजारों की संख्या में लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए और देश में अचानक कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई।