सावधानी बरतना जरूरी अन्यथा कोरोना वायरस रूप बदल सकता हैः ICMR Chief

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हाल में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार स्ट्रेन को लेकर चिंताएं बढ़ने के बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानि आईसीएमआर के प्रमुख बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 के इलाज के लिए उपचार पद्धति के इस्तेमाल में सावधानी बरतना जरूरी है, अन्यथा वायरस की प्रतिरक्षा पर दबाव बन सकता है और इससे उसके स्वरूप में बदलाव आ सकता है। उन्होंने कहा कि वायरस के स्वरूप में कुछ समय पर बदलाव होते रहते हैं। लेकिन, कई बदलावों के बाद यह चिंता का कारण बन सकता है जैसा कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मामले में हुआ है। भार्गव ने बताया कि वायरस का नया प्रकार करीब 60 प्रतिशत ज्यादा संक्रमण फैलाता है।

नए स्वरूप का पता लगाने के लिए लगातार हो रही जांच

आईसीएमआर प्रमुख बलराम भार्गव ने कहा कि यह चिंता की बात है। हम नए स्वरूप का पता लगाने के लिए देश में लगातार जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वायरस की प्रतिरक्षा पर बहुत ज्यादा दबाव के कारण इसके स्वरूप में बदलाव आने लगता है। प्रतिरक्षा पर दबाव पर्यावरण, संक्रमण के वाहक, उपचार या कई अन्य कारणों से हो सकता है। इसलिए, वैज्ञानिकों के दृष्टिकोण पर ध्यान देना जरूरी है कि वायरस के प्रतिरक्षा तंत्र पर बहुत दबाव नहीं डाला जाए।

फायदा वाले उपचार का सावधानी से करना होगा इस्तेमाल

भार्गव ने कहा कि हमें फायदा पहुंचाने वाले उपचार का सावधानी से इस्तेमाल करना होगा। अगर फायदा नहीं होता है तो हमें दूसरी पद्धति का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अन्यथा, इससे वायरस के प्रतिरक्षा तंत्र पर बड़ा दबाव पड़ता है और इसके स्वरूप में बदलाव आ जाता है। नए प्रकार के कोरोना वायरस के मामलों के मद्देनजर क्या टीका प्रभावी होगा? इस पर उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि टीका वायरस को रोकने में कारगर साबित होगा।

कई देशों में नए प्रकार के मामले सामने आए

आईसीएमआर प्रमुख भार्गव ने कहा कि निर्माण के अग्रिम चरण में पहुंच चुके ज्यादातर टीके एस-प्रोटीन और एमआरएनए को निशाना बनाते हैं। अबतक के उपलब्ध आंकड़ों से हमें पता चला है कि ये टीके कारगर रहेंगे। हमें टीकाकरण के दौरान प्रतिरक्षा पर गौर करना होगा। बता दें, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन से भारत आए छह लोगों के नए प्रकार के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वहीं, इंग्लैंड के साथ ही फ्रांस, स्पेन, जर्मनी, कनाडा, जापान, डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, लेबनान और सिंगापुर में भी वायरस के नए प्रकार से संक्रमण के मामले आए हैं।

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