राजस्थान के बाड़मेर जिले में पुलिस हिरासत में एक दलित युवक की मौत का बडा मामला राजस्थान विधानसभा तक पहुंच गया है और इस घटना को लेकर सदन में जोरदार हंगामा व पक्ष विपक्ष के विधायकों के बीच तू-तू मैं-मैं भी हुई है। जानिये, क्या है यह पूरा मामला-
यह है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार बाड़मेर के हमीरपुरा निवासी जितेन्द्र पुत्र ताराचंद खटीक को ग्रामीण थाना पुलिस चोरी के आरोप में उसकी दुकान से हिरासत में ले गई। परिजनों का आरोप है कि बिना किसी शिकायत या मुकदमा दर्ज किए युवक को अवैध रूप से थाने में रातभर बैठाए रखा और मारपीट की गई। इसके बाद अगले दिन पुलिस युवक को अस्पताल लेकर पहुंची जहां उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद एक्शन में आई सरकार
इधर दलित युवक की पुलिस हिरासत में मौत का मामला गरमाने के बाद राजस्थान सरकार ने बाड़मेर के एसपी शरद चौधरी व उप अधीक्षक विजय सिंह चारण को एपीओ कर दिया। इसके साथ ही थानाधिकारी को निलंबित कर पूरे स्टॉफ को भी लाइन हाजिर कर दिया गया।
विधानसभा में भी हुआ हंगामा
दलित युवक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले को लेकर राजस्थान विधानसभा में भी जोरदार हंगामा हुआ है। भाजपा सहित अन्य विपक्ष के विधायकों ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने,मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग प्रमुखता से उठाई और वेल में आकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर जताया।
कटारिया व धारीवाल के बीच हुई तू-तू मैं-मैं
इस मामले में राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया व संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बीच भी जमकर बहस, तू-तू मैं-मैं तक हो गई जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने दोनों को रोका और कहा कि आप दोनों वरिष्ठ सदस्य रोल मॉडल है और क्या मैसेज दे रहे हैं। जोशी ने सरकार से भी पूछा है कि बिना रिपोर्ट दर्ज किए आगे से किसी को प्रताडित नहीं करने को लेकर क्या कोई कानून आएगा और पीडित परिवार को पैकेज भी दिया जाएगा।
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पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज
इस घटना के बाद जिम्मेदार पुलिस अफसरों व पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद मृतक के पिता व भाई की रिपोर्ट के आधार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है।