अचानक जल उठे उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिंसक हुई भीड़ का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो को देखने के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि दंगाईयों का कोई ईमान धर्म या मजहब नहीं होता। अगर होता तो इस दंगे में अपनी जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को मृत अवस्था में छोड़कर पुलिस थाने में आग लगाने के लिए भीड़ नहीं जाती।
वीडियो बनाने वाले वीडियो बनाते रहे और किसी ने भी एक पुलिस अफसर को मृतावस्था में देखकर ये जानने की भी कोशिश नहीं की उनकी सांसे चल भी रही है या नहीं। बता दें कि यूपी के बुलंदशहर में गोवंश मिलने पर कई हिंदूवादी संगठन विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकसाथ जमा हो गए और यहां की कोतवाली पर हमला बोल दिया। इस पूरी हिंसा में अभी तक दो लोगों की मौत हो चुकी है।
इस हिंसा में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार यूपी के एटा जिले के रहने वाले थे और उनका एक मकान मेरठ के पल्लवपुरम में भी था, जिसे बेचकर कई माह पहले उनका परिवार नोएडा सेक्टर 42 में शिफ्ट हुआ था। मृत इंस्पेक्टर के दो बेटे हैं।
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